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समवाय-सुत्तं : महोपाध्याय चन्द्रप्रभसागर विश्वविद्यालय-पाठ्यक्रम के स्तर पर तैयार किया गया जैन-आगम समवायांग का सीधा-सपाट मूलानुगामी अनुवाद। पृष्ठ ३१८, मूल्य ३०/उत्तराध्ययन के सूक्त वचन : महोपाध्याय ललितप्रभसागर आगम-ग्रन्थ उत्तराध्ययन की सार्वभौम एवं सार्वकालिक सूक्तियों का चयन। अनुवाद की भाषा आकर्षक एवं प्रांजल।
पृष्ठ ५२, मूल्य ४/चन्द्रप्रभः जीवन और साहित्य : डॉ. नागेन्द्र महोपाध्याय चन्द्रप्रभसागरजी की साहित्यिक सेवाओं का विस्तृत लेखा-जोखा। एक समीक्षात्मक अध्ययन।
पृष्ठ १६०, मूल्य १५/उपाध्याय देवचन्द्रः जीवन, साहित्य और विचार : महोपाध्याय ललितप्रभ सागर महान् तत्त्वविद् उपाध्याय श्री मद् देवचन्द्र के व्यक्तित्व एवं कृतित्व के विभिन्न पहलुओं पर प्रशस्त प्रकाश डालने वाला एक शोधपूर्ण प्रबन्ध ।.
- पृष्ठ ३२०, मूल्य ५०/विश्व-संस्कृत-सूक्ति-कोशःमहोपाध्याय ललितप्रभसागर संस्कृत की विराट सम्पदा के सूक्त-रत्नों की विश्व-चयनिका, जो सूक्ति-कोश भी है और सन्दर्भ-कोश भी। हिन्दी अनुवाद की शालीनता कोश की अतिरिक्त विशेषता । तीन खंडों में ग्रन्थ का आकलन। पृष्ठ १०००, मूल्य ३००/जैन पारिभाषिक शब्द-कोश: महोपाध्याय चन्द्रप्रभसागर जैन-परम्परा में प्रचलित दुरूह एवं पारिभाषिक शब्दों पर टिप्पणी एवं परिचर्चा करने वाला एक उच्चस्तरीय कोश।
पृष्ठ १५२, मूल्य १०/हिन्दी सक्ति-सन्दर्भ कोश: महोपाध्याय चन्द्रप्रभसागर हिन्दी के सुविस्तृत साहित्य से सूक्तियों का ससन्दर्भ संकलन; भारतीय सन्तों एवं मनीषियों के चिन्तन एवं वक्तव्यों का सारगर्भित सम्पादन; आम पाठकों के अलावा लेखकों के लिए खास कारगर; एक आवश्यकता की वैज्ञानिक आपूर्ति । दो भागों में।
पृष्ठ ७००, मूल्य १००/पंच संदेश: महोपाध्याय ललितप्रभसागर पुस्तक में है अहिंसा, सत्य, अस्तेय, ब्रह्मचर्य और अपरिग्रह पर कालजयी सूक्तियों का अनूठा सम्पादन।
पृष्ठ ३२, मूल्य २/
सन्त-वाणी महाजीवन की खोज: महोपाध्याय चन्द्रप्रभसागर आचार्य कुन्दकुन्द, योगीराज आनंदघन एवं श्रीमद् राजचन्द्र जैसे अमृत-पुरुषों के चुने हुए अध्यात्म-पदों पर बेबाक खुलासा । घर-घर पठनीय प्रवचन-संग्रह । हर मुमक्ष एवं साधक के लिए उपयोगी।
पृष्ठ १४८, मूल्य १०/
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