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ध्यान से जानिए
स्वयं को
प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में इस बात का फैसला होना चाहिए कि वह अपने जीवन में शांति चाहता है या सफलता। शांति का मार्ग अन्ततः व्यक्ति को सफलता के शिखर की ओर ले ही जाता है, पर सफलता के रास्ते पर जाने वाले को अन्ततः शांति की ही शरण में आना पड़ता है।
__सफलता मूल्यवान् है, पर शांति सफलता से भी अधिक मूल्यवान है। सच्चाई तो यह है कि शांति स्वयं ही अपने आप में सबसे बड़ी सफलता है। शांति के लिए जीवन में सहजता चाहिए और मुक्ति के लिए सचेतनता। साधना के लिए सचेतनता ही सफलता की कुंजी है। सचेतनता यानी मन, वचन, काया की हर गतिविधि के प्रति सचेतनता।
जब हम ध्यान में उतरते हैं तो सम्पूर्णतः अपने आपके प्रति सचेत/सावचेत/आत्मजागृत होते हैं। हालांकि शुरू में किसी के लिए भी स्वयं को शांत, मौन, निर्विकार भाव से बैठ कर अपने प्रति सचेतन होना एक कठिन काम लगता है। पर जब हम एक-एक घड़ी, दो-दो घड़ी बैठकर अपनी साँसों के प्रति सचेत होने लगते हैं, लयबद्ध होने लगते हैं, तो व्यक्ति अनायास अपने
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