________________
मानवता की सेवा के सौ-सौ उपक्रम हो सकते हैं। आप बताइए, आप एक माँ हैं न्, आपने अपने बच्चे को दस दफा प्यार से सहलाया, गाल सहलाया, माथे पर हाथ फेरा मगर शाम के वक्त दो चाँटे उठाकर जड़ दिए। अब आप बताइए कि बेटे के मन में चाँटे याद रहेंगे या आपके द्वारा दस बार सहलाये गए गाल, हाथ या वो प्यार याद रहेंगे? कौन - सी चीज याद रहेगी? चाँटा याद रहेगा।
अरे भई ! जब आपको इस बात का होश है, बोध है कि चाँटा ही याद रहेगा तो सावधान ! किसी को याद रखने के लिए आप चाँटा नहीं, प्यार और शांति याद रखवाइये। चाँटा वही व्यक्ति मारा करता है जो शांतचित्त नहीं होता है। अगर आप अपनी ओर से अपने बच्चों को चाँटा नहीं मारते, उसे समता, शांति और प्रसन्नता के फूल समर्पित करते हैं तो सचमुच आप चाहे शरीर छोड़कर देवलोक भी क्यों न चले जाएँ मगर आपके बच्चे अपनी माँ को याद करके आँसू ढुलकाते रहेंगे। वे कहेंगे, 'मेरी माँ तो देवी थी, देवी का अवतार थी ।'
एक चिड़चिड़े स्वभाव का आदमी अगर शाम के वक्त अपने घर पहुँचे और पत्नी पर चिड़चिड़ाना शुरू कर दे तो पत्नी के मन में यही आएगा कि मेरा पति चार घंटे और लेट आए तो अच्छा है। वहीं अगर आप एक मुस्कान, अन्तर्मन में गुलाब के फूल की महक और खिलावट ले कर घर पर पहुँचते हैं तो सचमुच आपकी पत्नी तो क्या आपके नन्हे-मुन्ने बच्चे भी आपकी प्रतीक्षा करते मिलेंगे कि पापा आएँ, तो उनके साथ खाना खाऊँ, उनका प्रेम और आशीर्वाद प्राप्त करूँ ।
शांत रहने वाला व्यक्ति समाज की अद्भुत सेवा करता है। माना जीवन में दुःख हैं, पीड़ाएँ हैं, संत्रास हैं, संताप हैं, हर किसी के जीवन में छोटी-मोटी बाधाएँ होती ही हैं। किसी का पति ठण्डा है तो पत्नी तेज है, किसी की पत्नी ठण्डी है तो पति तेज है । हर किसी को अपने साथ विपरीत विरोधाभासों को साथ लेकर चलना पड़ता है। अगर आप अपने जीवन में शांतिमय जीवन जीने का निर्णय कर लें, संकल्प कर लें, तो आपकी पत्नी चाहे
२०
Jain Education International
For Personal & Private Use Only
शांति पाने का सरल रास्ता
www.jainelibrary.org