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६ बजे होंगे। सोने से पूर्व नियमानुसार माँ के चरणों में नमस्कार करने गया। माँ ने पुत्र से कहा-'बेटा ! मुझे प्यास लगी है । पानी ले प्रायो।'
युवक झटपट पानी का ग्लास लेकर माता के पास पहुंचा, लेकिन उसने आते ही देखा कि माँ को नींद आ गई है। युवक ने माँ को नींद में जगाना उचित न समझा। वह पानी का ग्लास लिए पास ही माँ के सिरहाने खड़ा हो गया। माँ के जागने की वह राह देख रहा था। लेकिन उसे पूरी रात इसी प्रकार खड़े रहना पड़ा। उसकी बीमार मां को अच्छी नींद आई थी। रात में फिर वह जगी ही नहीं। ___ सवेरे जब उसकी माँ जगी तो उसने देखा कि उसका पुत्र - पानी लिये उसके सिरहाने चपचाप खड़ा है। मां की आंखों में प्रेम से प्रांसू भर आये । उसने कहा'बेटा ! तू रात भर ग्लास का वजन लेकर क्यों खड़ा रहा?' __ युवक ने कहा-'माँ ! मैंने तो सिर्फ नौ घण्टे तक ही इस ग्लास का वजन उठाया है, किन्तु तूने तो नौ महीने तक शरीर का बोझ उठाया था और तू मेरे लिए सैकड़ों बार रात-रात भर जगी है। फिर मैं यदि तेरे लिए एक रात भी जग गया तो क्या हुआ ! तेरी उस महान् तकलीफ के सामने मेरी तकलीफ है ही कितनी सी?
जिस धर में ऐसे सपूत रहते हों, उसमें सदा सुख-शांति रहेगीइसमें कोई शक नहीं।
मां का पुत्र पर कितना उपकार है, इस बात को जब पुत्र समझ
HARAN
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