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लिए जाते है तो जीवन को क्रियाशील बनाने के लिए इसकी बहुत बड़ी भूमिका हो सकती है। अगर आप बहुत ज्यादा व्यस्त जिंदगी जी रहे हैं तो रविवार जैसे अवकाश के दिन तो एक घंटा अवश्यमेव योग और व्यायाम करें। सप्ताह में एक दिन भी अगर आपने व्यायाम कर लिया तो यह छह दिन के शारीरिक दोषों को दूर करने में आपकी मदद कर सकता है । योग आजकल एक जनरल विषय हो गया है। आप घर बैठे टीवी के जरिये भी इसे सीख और कर सकते है। नहीं तो आप सात दिन के लिए किसी भी संबोधि-ध्यान-योग शिविर में सम्मिलित हो जाइये, आप सात दिन में ही योग स्टूडेंट और योग मास्टर हो जायेंगे। वैसे बौद्धिक विकास के लिए योग मुद्रा, भुजंगासन, धनुरासन, नौकासन, कदमताल और रिलेक्सेशन अर्थात शरीर और दिमाग़ का शिथिलीकरण विशेष उपयोगी
तीसरा उपायः गहरी श्वास का महत्त्व पहचानिये। गहरा श्वासोश्वास जहाँ प्राणायाम का एक महत्त्वपूर्ण चरण है, वहीं दिमाग की निष्क्रिय पड़ी कोशिकाओं को गतिशील बनाने के लिए भी यह एक वैज्ञानिक प्रयोग है। अनुलोम-विलोम, दीर्घश्वसन, कपालभाती और भ्रामरी प्राणायाम जैसे प्रयोग दिमागी कोशिकाओं को दुरुस्त करने के लिए रामबाण औषधि के समान है। गहरा श्वास लेने से शुद्ध प्राणवायु हमें अतिरिक्त रूप से मिलती है। यह जानकर आपको आश्चर्य होगा कि शरीर के सामने मस्तिष्क का आकार और वजन दोनों ही 2 प्रतिशत के बराबर है, परन्तु जितनी ऑक्सीजन लेते हैं। उसकी 20 प्रतिशत खपत तो अकेले मस्तिष्क को चाहिए। यदि हम दस मिनट तक गहरे श्वास पर श्वास लेकर छोड़ते है तो इससे हमारी मानसिक कोशिकाएं । अधिक सक्रिय हो जाती हैं । परिणामस्वरूप हमें रोग और नकारात्मक भावों से छुटकारा मिलता है। हम अधिक ऊर्जा और उत्साह से ओत-प्रोत होते हैं। हमारी छाती चौड़ी होती है। और हम आत्मविश्वास से ओत-प्रोत हो जाते है। ध्यान रखें जब भी गहरे श्वास लें तब हम पूरी तरह खुली हवा में हो। पेड़-पौधों के पास जाकर गहरे श्वास लेना प्रकृति की अतिरिक्त ऊर्जा को लेने का सीधा-सरल तरीका है।
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