________________
जो अपनी बुद्धि का श्रेष्ठ तरीके से श्रद्धापूर्वक इस्तेमाल करना जानता है। __ जिन्हें अपनी बुद्धि का बेहतर इस्तेमाल करना नहीं आता वे जड़बुद्धि लोग उल्टी पुल्टी बातें सोचते रहते हैं। ऐसे लोगों के लिए ही कहा जाता है खाली दिमाग़ शैतान का घर।मूर्ख लोग अधिकांशत: उल्टे-सुल्टे ही करते रहते है।
ऐसा हुआ : एक व्यक्ति अपने घर देर रात को पहुंचा, जैसे वह घर पहुंचा कि उसे खबर दी गई कि उसकी पत्नी ने दो बच्चियों को एक साथ जन्म दिया है। उसने घड़ी देखी। घड़ी में रात के 2 बजे थे। उसने झट से कहा मैं 2 बजे पहुँचा तो 2 लड़कियों के होने की खबर मिली। अच्छा हुआ मैं बारह बजे घर नहीं पहुंचा।
ऐसा नहीं है कि मूर्ख लोग ही मूर्खता करते है । कई दफा तो पढ़े-लिखे लोग भी मूर्खता भरी बात करने पर उतारू हो जाते है।
एक सज्जन किसी डॉक्टर के पास चैकअप करवाने के लिए पहुँचा उसने कहा डॉक्टर साहब मेरी कमर में अचानक दर्द उठ आता है। डॉक्टर ने कहा - चिंता की कोई बात नहीं है ये गोलियाँ अपने पास रख लीजिए। दर्द शुरू होने से बीस मिनट पहले एक गोली खा लें।
कई दफा मूर्ख लोग भी समझदारी की बात कर लेते हैं।
किसी लतीफे के माध्यम से ही सही थोड़ा सा हँस लेना दिमाग़ के लिए तनाव से छुटकारा पाने का सीधा सरल तरीका हो सकता है। हँसना केवल इंसान के ही हाथ की बात है। धरती पर रहने वाले और दूसरे प्राणी रो तो सकते हैं, पर हँसने का आनंद केवल इंसान ही ले सकता है । हँसो और हँसाओ दुनिया की पीड़ाओं को दूर करने का यह महामंत्र हैं। ___ आइये हम लोग अपनी बुद्धि को, अपने मस्तिष्क को बेहतर और प्रखर बनाने के लिए कुछ सरल उपायों से गजरते हैं। याद रखिए केवल मानसिक विकास की बातों को सुन लेने या पढ़ लेने से किसी का मानसिक विकास नहीं हो जाता। विकास कोई विटामिन की गोली
87
Jain Education International
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org