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________________ लोग अगर ग़ाली भी निकालते हैं तो उसमें भी एक सलीक़ा होता है। इसलिए जोधपुर की ग़ाली कभी बुरी नहीं लगती।जोधपुर में अगर स्कूटर से साईकिल वाले को टक्कर लग जाए तो लोग किसी की कमीज नहीं फाड़ते। केवल इतना ही कहते हैं : देख'र चलाया करो सा। याद रखिए : 'फितरत को नापसंद थी कड़वी जुबान में , कुदरत ने ना दी इसीलिए हड्डी जुबान में।' पूरे शरीर में एकमात्र जीभ ही ऐसी है जिसमें हड्डी नहीं है। हड्डी सख़्त होती है, पर जीभ लचीली है। कृपया जीभ को जीभ ही रहने दीजिए, उसको हड्डी मत बनाइये। ___ इंसान के जीभ एक है और दांत बत्तीस। पर सावधान रहना अगर जीभ का सही इस्तेमाल नहीं किया तो यह एक अकेली जीभ इन बत्तीस पहरेदारों को मुँह की सीमा से बाहर निकाल सकती है। जीभ पर तीन शब्दों को ख़ास तौर पर जोड़िए : 1. सॉरी (माफ करें) 2. बैंक्यू (शुक्रिया) और 3. प्लीज (कृपया)। अगर कभी कोई गलती हो जाए तो सामने वाला चाहे बड़ा हो या छोटा, कहने में झिझक मत रखिए कि सॉरी। सॉरी कहते ही मामला बोझिल होने से बच जाता है । घर में लगी आग को बुझाने का अगर फायरब्रिगेड कनेक्शन कोई है तो वह है सॉरी । इस्तेमाल कीजिए और परिणाम देखिए। ग़लती होना इंसान की फितरत है। गलती हर किसी से हो सकती है। ग़लती उन्हीं लोगों से हुआ करती है जो काम किया करते हैं । निकम्मे-बैठेठाले लोग भला क्या ग़लती करेंगे ? याद रखिए ग़लती होना ग़लत नहीं है, पर ग़लती का अहसास न करना, ग़लती को न सुधारना बहुत बड़ा जुर्म है। आप केवल अपरिचितों से ही थैक्यू न कहें। O o अगर आपका छोटा भतीजा आपके कहने पर आपको एक गिलास पानी लाकर दे दे तो आप उसे भी मुस्कुराकर या बाँहों में भरकर प्यार से कहिए थैक्यू । सचमुच, आपके ऐसा कहने से बच्चे की थकावट दूर होगी। बैंक्यू, सॉरी, प्लीज जैसे शब्दों को THANK YOU 78 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003956
Book TitleKaise Banaye Aapna Career
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandraprabhsagar
PublisherJityasha Foundation
Publication Year2012
Total Pages122
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
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