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तभी उसने थोड़ा-सा दिमाग़ से काम लिया और जिन्न को नया काम बताया, महल के बाहर 500 फुट गहरी खाई खोदो, फिर उसे भर दो फिर खोदो फिर भरो और जब तक मैं नया काम न बताऊँ यही काम करते रहो ।
जिन्न समझ गया कि इस बार आका ने वह काम बताया है कि जो कि जिन्दगी भर करता रहूँ तो भी खत्म नहीं हो सकता । जिन्न को जीतना दुनिया में किसी के भी हाथ नहीं
है। आदमी को जिन्न से केवल इसलिए छुटकारा मिल पाया कि आदमी जानता था कि बैठे से बेगार भली । यानि निठल्ला बैठे रहने से तो जो भी मजदूरी हो जाए वही खुशकिस्मती ।
दुनिया में अधिकतर वे ही लोग शैतानी करने पर उतरा करते हैं जो खाली दिमाग़ के होते हैं । निश्चय ही, दिमाग खाली होगा तो खुराफात तो करेगा ही । खाली दिमाग़ ही शैतान का घर होता है । जो लोग अपने दिमाग़ का सदा रचनात्मक और सकारात्मक उपयोग किया करते हैं उनके लिए इंसान का दिमाग कुदरत की सबसे बड़ी नेमत, ईश्वर का सबसे बड़ा उपहार है । जो लोग ऐसा नहीं पाते हैं उनका दिमाग़ भी इधर-उधर की सोचता रहता है, ऐसे लोग ही चोरी - जारी करते हैं, हत्या - बलात्कार करते हैं या हा-हा-ही-ही करते हुए छोरे-छोरियों को छेड़ते रहते हैं ।
दुनिया में काम करने को अनगिनत हैं। दुनिया में इतने सारे काम हैं कि धरती पर रहने वाले सारे इंसान भी उसके लिए कम पड़ते हैं । भगवान ने पेट अगर करोड़ों बनाए हैं तो हाथ उनसे दुगुने बनाए हैं। जो स्वयं काम करने में अपने आप को नहीं लगा पाते हैं वे लोग हाथों का उपयोग फिर कर्म के लिए नहीं कर पाते, शर्मसार होने के लिए करने लग जाते हैं ।
आपने कई दफ़ा गौर किया होगा कि जैसे ही आप अपना स्कूटर स्टार्ट करते हैं कि पीं-पीं की आवाज़ आनी शुरू हो जाती है, आप चौंक उठते हैं,
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