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तनाव और स्ट्रेस हार्मोन्स हमें अपना दुष्प्रभाव देते हैं। यदि आप सिरदर्द जैसी सामान्य बीमारियों से भी बचना चाहते हैं तो सबसे पहले आप अपने में घर कर चुकी निराशा, चिंता और तनाव को निकाल फैंकिये। मैं आपको अपने साथ केवल नौ क़दम लेकर चल रहा हूँ, ये नौ क़दम भी आपको स्वास्थ्य का सुकून दे सकते हैं, शांति का आनंद दे सकते हैं, मुस्कान की मिठास दे सकते हैं, जीने का ज़ायका दे सकते हैं। मेरी बातें बहुत सरल और आसान हैं। केवल उन पर थोड़ा-सा गौर करने की ज़रूरत है। मेरे साथ हमक़दम होने की आवश्यकता
तनाव से दूर रहने के लिए सबसे पहला और सबसे सरल उपाय यह है कि आप अपने जीवन में सदा हँसने और मुस्कुराने की आदत डालिए। हँसना और मुस्कुराना तनावमुक्त होने का सबसे अच्छा साधन है। हँसी उस किसान की तरह होती है जो जीवन के खेत से निराशा और कुंठा के काँटों और झाड़झंखाड़ों को उखाड़ फेंकता है। जीवन में विक्षिप्त वे ही होते हैं जो हँसना और मुस्कुराना नहीं जानते। यदि कोई व्यक्ति मानसिक रूप से बीमार है, कुंठित और चिंतित है, मैं उस हर किसी व्यक्ति से अनुरोध करूँगा कि वह अपनी कुंठा और चिंता को भूल जाए और केवल सुबह उठते ही एक मिनट तक लगातार तबीयत से मुस्कुराने की आदत डाले। मुस्कान तो वह विटामिन-बी है जो ग्लूकोज के दो चम्मच की तरह सीधा ताज़गी देता है। . ___ कुछ दिन पहले की बात है। मेरे पास एक मरीज़ आया। उसके बचने की कोई उम्मीद नहीं थी। मैंने प्यार, मुस्कान और सम्मान के साथ उस रोगी से बातचीत की। मेरे मुस्कुराहट भरे व्यवहार से उस मरीज़ के चेहरे पर भी मुस्कान उभर आई। मैंने उसके साथ आए लोगों से कहा, 'चिंता की कोई बात नहीं है। मरीज़ ठीक हो जाएगा क्योंकि अभी तक इसमें मुस्कुराने की क्षमता बची हुई है।' निश्चय ही उस व्यक्ति के स्वस्थ होने में दवा ने भी भूमिका निभाई होगी पर जितना सच यह है उतना सच यह भी है कि उसकी हँसी और मुस्कान
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