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कर चुका है कि क्रोध के समय जो रसायन उत्पन्न होते हैं वे घातक होते हैं और आपकी मनोदशा को प्रभावित करते हैं । विपरीत मन से किया गया कार्य, सकारात्मक प्रभाव डालने में असमर्थ होता है। आपकी नेगेटिव एनर्जी भोजन को भी नकारात्मक ऊर्जा से भर देती है । जो बच्चे क्रोध करते हैं, वे ध्यान रखें । क्रोध करने से मानसिक ऊर्जा जलती है, स्मरण शक्ति की प्रखरता के लिए जहाँ एकाग्रता आवश्यक है, वहीं क्रोध और चिंता से उबरना अनिवार्य है ।
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क्रोध का तीसरा दुष्परिणाम : आपसी संबंधों में खटास आती है। पलभर क्रोध आपका पूरा भविष्य बिगाड़ सकता है। जिन संबंधों को बनाने में आप जी जान लगा देते हैं, कृपया क्रोध करके उनमें दरार व खटास मत डालिए ।
चौथी बात: हत्या, आत्महत्या की प्रेरणा भी क्रोध से ही मिलती है । पांचवीं बात : क्रोध के कारण कैरियर भी प्रभावित होता है । आप देखते होंगे जब सीनियर अफसर अपने मातहत पर क्रोध करता है, और जाँच में सबूत मिल जाने पर उसे निलंबन तक का ख़तरा उठाना पड़ता है। उसका पूरा भविष्य बर्बाद हो जाता है । कल ही आपने अख़बारों में पढ़ा है कि पाली के कलेक्टर ने किसी पार्टी के अध्यक्ष के गाल पर चांटा मार दिया। पता है परिणाम क्या निकला ? कलेक्टर को लाइन हाज़िर होना पड़ा । आदमी का थोड़ा सा गुस्सा सचमुच आदमी के कैरियर को रौंद डालता है ।
यानी जो भी क्रोध कर रहा है उसका कैरियर, परिवार, समाज के साथ संबंध, स्वयं का स्वास्थ्य, स्वयं की शांति सब कुछ प्रभावित होता है, इसलिये अपनी श्रेष्ठ बुद्धि का, समझदारी का, शिक्षा का उपयोग कीजिए और सोचिए कि क्रोध क्या है, क्यों आता है, इसके क्या दुष्परिणाम हैं, और उनमें बचने के आप खुद उपाय कीजिए ।
जिन लोगों ने क्रोध के दुष्परिणाम देखे हैं वे अपने जीवन में प्रेम और शांति को तवज्जो देना शुरू कर दें तो क्रोध काफूर हो सकता है। सभी अपने घर के आँगन में एक तख़्ती लटका लें जिस पर लिखा हो - हे जीव, शांत रह । तू कब तक इस तरह गुस्सा करता रहेगा ।
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