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लोगों को सहयोग भी दीजिए जो ग़रीबी की रेखा से नीचे हैं। योग्य बच्चों को पढ़ाइए। उनकी पढ़ाई को आप गोद लीजिए ताकि वे आत्मनिर्भर हो सकें। रोज-रोज पाँच किलो आटा दान करने के बजाय उस मूल्य का पैसा ख़ुद के पास इकट्ठा करके समाज के किसी ज़रूरतमंद व्यक्ति को आत्मनिर्भर बनाने का संकल्प कीजिए। उसे छोटा व्यापार करने करवा दीजिए। वह आपका कृतज्ञ होगा कि आपके कारण वह अपने बच्चों का पालन-पोषण करने में समर्थ हो सका। किसी को आत्मनिर्भर बनाना मानवता की बहुत बड़ी सेवा है। ___ आप अपने पैसे का सदुपयोग दूसरों का भविष्य बनाने में भी करें। अपनी सफलता का स्वाद दूसरों को भी चखाएँ। किसी प्रतिभावान ग़रीब छात्र को गोद ले लें, उसकी शिक्षा-दीक्षा का प्रबंध करें। इस तरह सहयोग करते हुए एक-दूसरे के व्यक्तित्व-निर्माण में आप सहभागी हो सकते हैं।
तीसरी बात : जो भी कार्य करें, पूरी तन्मयता से करें। अपनी पूर्णता से करें। उस कार्य के सुधार और विकास के लिए सदा प्रयत्नशील रहें। लकीर के फ़क़ीर न बनें। कार्य और वस्तु की गुणवत्ता का पूरा-पूरा ध्यान रखें। अपने उत्पादन को श्रेष्ठतर बनाएँ। सुधार की ओर ध्यान दें। यंत्रवत् मशीन की तरह न चलें। क्या आपने कभी चाइनीज मार्केट को समझने की कोशिश की है? उसने सारे विश्व की व्यापार-व्यवस्था को नये सिरे से दुरुस्त करने के लिए मज़बूर-सा कर दिया है। हर चीज़ सस्ती से सस्ती, पर हर चीज में हर दिन नवीनता, हर क्षेत्र में हस्तक्षेप! आख़िर क्या कारण है? मशीनों का अपनी तरह छह-आठ घंटे नहीं, चौबीसों घंटे उपयोग, तीव्र उत्पादन करने वाली मशीनों का उपयोग करते हए 'उन्होंने पुराना सारा खराब माल हटा दिया, नया माल लगा लिया'। आज पूरे विश्व में चाइनीज़ चीज़ों का कब्जा हो गया है। मैं इसे चाइना देश का कैरियर कहता हूँ। एक देश का श्रेष्ठ और सफल केरियर। आप भी उनसे प्रेरणा लीजिए और अपने को, अपनी सोच को,
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