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अपने लिए अच्छाई की व्यवस्था कर रहे हैं ।
हमें अपने जीवन में दो तरफा प्रयास करने पड़ते हैं : अच्छी फसलों के लिए मेहनत करनी पड़ती है और कुदरती तौर पर उगने वाली जंगली घास-फूस को चुन-चुनकर, काट-काटकर फैंकना भी पड़ता है।
सार्थक विचारों के लिए सदैव स्वाध्याय करें और अच्छे लोगों की सोहबत करें। जैसा संग, वैसा रंग । अच्छे लोगों की संगत में रहोंगे तो जीवन पर अच्छी रंगत चढ़ेगी, बुरे लोगों की सोहबत में रहोगे तो बुरी रंगत चढ़ेगी। सादा पानी अगर गंगा जी की संगत पा ले तो गंगोदक हो जाता है वहीं गंगा का पानी अगर गंदे नाले में उतर जाए तो गंगा भी मैली हो जाएगी। जीवन में अच्छे मित्र, अच्छी संगत जीवन को भी अच्छा बनाएँ रखते हैं और हमारे विचारों को भी। जैसे आप अच्छे लोगों की संगत करें वैसे ही हर रोज़ आधे घण्टा ही सही, अच्छी किताबें अवश्य पढ़ें। अच्छी क़िताबें इसलिए कि हम अपनी बुद्धि को ज्ञान की अच्छी खुराक दे सकें ।
एक अच्छी क़िताब जीवन का सबसे अच्छा मित्र है, जीवन का सबसे अच्छा शिक्षक है । अच्छी क़िताबें हमारे दिमाग़ में अच्छे बीज बोती
हैं। यदि हम अच्छे बीज नहीं बोएँगे तो सावधान
रहें क्योंकि तब हमारे मन का बगीचा, बगीचा नहीं रहेगा । वह एक जंगल बन जाएगा। उसमें जंगली घास-फूस उग आएगी। क्या हम अपने बगीचे को ऐसी जंगली शक्ल देना चाहते हैं ? अच्छे विचारों का आदान-प्रदान करें । मेरे अच्छे विचार आप लेकर जाएँ और आपके अच्छे विचार मुझे देकर जाएँ। इसे यूँ समझें अगर अपना एक सिक्का किसी दूसरे को देंगे और दूसरे का एक सिक्का हम लेंगे तो ज़रा सोचो कि दोनों के पास कितने सिक्के बचेंगे ? एक - एक । पर अगर किसी को अच्छा विचार देंगे और उससे उसका अच्छा विचार लेंगे तो दोनों के पास विचार कितने होंगे ? दो-दो । बस, यही जीवन की शिक्षा है और अगर ज़िंदगी में सिक्के
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