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के लोग छोटी से छोटी बात पर भी समझौता करने को तैयार हो जाते हैं जबकि नेगेटिव थिकिंग के लोग अड़ियल रुख अपनाते हैं।
आप अपने आप को पोजिटिव बनाइए, सकारात्मक बनाइए। आपकी समस्याएँ कम होंगी, आपके क़दम समाधान की ओर होंगे। अगर आपसे कोई गलती हो जाए और बॉस का बुलावा आ जाए तो आपको घबराने या कतराने की ज़रूरत नहीं है । आप बॉस के पास जाइए, पर जाने से पहले सकारात्मक सोच के मंत्र को दिमाग़ में बिठा लें, मुस्कुराएँ और बेझिझक बॉस के पास चले जाएँ । अगर हमारे सम्मुख कोई अप्रिय स्थिति बन जाए तो क्षणभर के लिए पहले मुस्कुराएँ, सकारात्मकता को दिमाग़ में लाएँ और फिर खुद को पेश करें। आप आश्चर्य करेंगे कि सामने वाला गाली निकाल रहा है, पर गाली आपको विचलित नहीं कर रही ।
कहते हैं दो ऑफिसर्स के बीच में किसी बात को लेकर कहासुनी हो गई। इस पर दूसरे ऑफिसर ने पहले ऑफिसर के मुंख पर थूक दिया। स्वाभाविक है कि कोई हम पर थूकेगा तो हमें गुस्सा आएगा पर पहला ऑफिसर अच्छी सोच और अच्छे नजरिए का आदमी था । वह पास में ही रखे हुए कोल्ड वाटर टंकी के पास गया, एक गिलास पानी निकाला, मुँह पौछा और वापस अपने ऑफिस में चला गया। उसके साथीदार ने पूछा, 'उसने तुम पर थूका, क्या तुम्हें गुस्सा नहीं आया ?' ऑफिसर ने कहा, 'बुरा तो ज़रूर लगा पर मेरे पोजेटिव थिंकिंग के मंत्र ने मुझे तत्काल प्रेरित किया कि जो काम पानी से निपट सकता है उसके लिए पत्थर क्यों उठाया जाए । '
यह है हर प्रोब्लम का सोल्यूशन । यानी हर समस्या का समाधान | आप भी सकारात्मक सोचिए और सकारात्मक देखिए | अगर हम ऐसा कर लेते हैं तो मैं कहना चाहूँगा कि हम अपने जीवन की नब्बे प्रतिशत समस्याओं का सामना करने में खुद समर्थ हो जाएँगे। लोगों पर जब
मुसीबतें आती हैं तो कोई हनुमानजी को याद करते हैं और कोई महावीर
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