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________________ छोटी बात पर भी कभी खीझ आती है तो कभी गुस्सा। कभी ईगो टक्कराता है तो कभी भाई-भाई और सास-बहू ही झगड़ पड़ते हैं। ईगो को कहिए 'गो' और सोच को बनाइए सकारात्मक, आप निश्चय ही सफल और सार्थक जीवन के मालिक बन चुके हैं। __ जैसे ही आपको लगे कि आपको किसी कठिन परिस्थिति का सामना करने को जाना है तो पहले, क्षण भर के लिए मुस्कुराइए, अपने मिजाज को ठीक कीजिए अर्थात् अपनी मानसिकता को पॉजिटिव बनाइए और फिर बगैर किसी झिझक के उस वातावरण में चले जाइए। विश्वास रखिए जीत आपकी होगी। चाहे आपको किसी मीटिंग में जाना हो या बॉस के पास, बस अपने पास एक ही हथियार रखिए – सकारात्मक सोच। जिसकी मानसिकता सकारात्मक है, बेहतरीन है उसके सामने से अगर बिल्ली भी गुजर जाए तो उसे अपशकुन नहीं होता। सकारात्मकता तो खुद ही शकुन है। वहीं नकारात्मक सोच वाले व्यक्ति को एक बहाना मिल जाता है काम को टालने का। सकारात्मक सोच का इंसान तो मज़बूत इरादे के साथ निकल पड़ता है। नकारात्मक सोच के लोग ही शकुन और अपशकुन के बारे में सर पची करते रहते हैं। ऐसे लोग ही नाक के पास हाथ ले जाकर देखते हैं कि अभी सूर्य स्वर चल रहा है कि चन्द्र स्वर? मेरे भाई, स्वर तो जिंदगी में एक ही चलना चाहिए और वह है सकारात्मक सोच का स्वर। सोच अगर सकारात्मक है तो बायाँ स्वर भी शुभ होगा। सोच अगर नकारात्मक है तो दायाँ स्वर भी शुभ परिणाम न दे पाएगा। परिणाम के पीछे किस्मत काम करती है और किस्मत के पीछे आदमी की सोच, आदमी की विचारधारा, आदमी की मानसिकता। याद रखिए सकारात्मक सोच ही जीवन में समाधान का हिस्सा बनती है वहीं नकारात्मक सोच समस्या का हिस्सा। सकारात्मक सोच के लोग ही विजयी टीम के हिस्से होते हैं वहीं नकारात्मक सोच के लोग टीम के हिस्से किया करते हैं। सकारात्मक सोच ९। 102 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003956
Book TitleKaise Banaye Aapna Career
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandraprabhsagar
PublisherJityasha Foundation
Publication Year2012
Total Pages122
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
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