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कोई जिंदगी भर काम नहीं आता । पर यदि हमने अपनी बेटी को पढ़ालिखा कर उसे अपने पैरों पर खड़ा कर दिया है, तो वह मुश्किलों और मुसीबतों में भी इज़्ज़त की ज़िंदगी जीने में कामयाब हो जाएगी। अपनी बेटी को पढ़ा-लिखा कर उसे अपने पांव पर खड़ा करना सबसे अच्छा दहेज है। बेटी को दी जाने वाली सबसे अच्छी विरासत है ।
ध्यान रखिए, व्यापार में करोड़ों कमा लेना ही जिंदगी की उपलब्धि नहीं है, वरन् विपरीत परिस्थितियों का सफलतापूर्वक सामना करना जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि है । हालात आखिर किसके सामने विपरीत नहीं आते ! क्या अंबानी या अमिताभ परिवार को अथवा टाटा या बाटा को मुश्किले या मुसीबतें नहीं आतीं ? इस दुनिया में महावीर जैसे तीर्थंकर के कान में भी कीलें ठुकने जैसी कहानियां पढ़ने को मिलती है और जीसस जैसे ईश्वर पुत्र को भी सलीब का सामना करना पड़ता है। राम को वनवास झेलना पड़ता है तो राजघराने में पैदा होने वाली मीरा को कुलकलंकिनी का ज़हर पीने को मज़बूर होना पड़ता है । बचपन में आप सब ने गब्बरसिंह का यह डयलॉग सुना है कि जो डर गया सो मर गया। ये लोग अगर अपने जीवन में आने वाली मुसीबतों से घबरा जाते तो वे कभी भी इतिहास के अमर पन्ने न बन पाते। अगर नियति और कुदरत के घर से मिली विपदाओं और विफलताओं के बावजूद हमारे हृदय में धैर्य, साहस और आत्मविश्वास बना हुआ है तो विश्वास रखिए कि आपके पास सफल जीवन है ।
इस दुनिया में न जाने कब किसे हानि उठानी पड़ती है, कब किसे अपमान और मुसीबतों का सामना करना पड़ता है। इसके बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता। जिन क्षणों में लोग आँसू ढुलकाने के लिए मजबूर हो जाते हैं उन क्षणों में आप अपने आप पर कितना धैर्य, कितनी शांति रख पाने में सफल होते हैं, इसी में आपके जीवन की सारी सकारात्मकता और नकारात्मकता छिपी हुई है ।
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