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सयसहस्सा एवं संवच्छरे दिष्णं ॥ २२० ॥ वरवरिया समत्ता वीरं अरिट्ठनेमिं पास महिं च वासुपूजं च। एए मुत्तूण जिणे अवसेसा आसि रायाणो ॥ १ ॥ रायकुलेसुऽवि जाया विसुद्धव॑से खतिजकुले न य इच्छिआभिसेआ कुमारवासंमि पद्मइआ ॥ २ ॥ संती कुंथू अ अरो अरिहंता चेव चकवट्टी अ अवसेसा तित्थयरा मंडलिआ आसि रायाणो ॥ ३ ॥ एगो भगवं वीरो पासो मही अ तिहिं तिहिं सएहिं । भयवं च (पि) वासुपुजो छहि पुरिससएहि निक्खतो ॥ ४ ॥ उग्गाणं भोगाणं राइण्णाणं च वत्तिआणं च । चउहिं सहस्सेहिं उसहो सेसा उ सहस्सपरिवारा ॥ ५॥ बीरो अरिनेमी पासो मही अ वासुपुजो अ। पढमवए पवइआ सेसा पुण पच्छिमवयंमि ॥ ६ ॥ सवेऽवि एगदूसेण निम्गया जिणवरा चउडीसं । न य नाम अण्णलिंगे नो गिहिलिंगे कुलिंगे वा ॥ ७॥ सुमईऽत्य निबभत्तेण निग्गओ वासुपुज चउत्येणं । पासो महीविज अट्टमेण सेसा उ छद्वेणं ॥ ८ | उसमो अ विणीआए बारवईए अरिट्ठवरनेमी। अवसेसा तित्ययरा निक्खता जम्मभूमीसुं ॥ ९ ॥ उस भो सिद्धत्यवर्णमि वासुपूज्यो विहारगेहमि धम्मो अ बप्पगाए नीलगुहाए अ मुणिनामा ॥ २३० ॥ आसमपयंमि पासो वीरजिनिंदो अनायसंडंमि। अवसेसा निक्ता सहसंबवणंमि उज्जाणे ॥ १ ॥ पासो अरिनेमी सिजंसो सुमइ महिनामो अ। पुण्हे निक्खता सेसा पुण पच्छिमहंमि ॥ २ ॥ गामायारा विसया निसेविज ते कुमारवज्जेहिं। गामागराइएस व केसु विहारो भवे कस्स ? ॥ ३ ॥ मगहारायगिहाइसु मुणओ खित्तारिएस विहरिंसु । उसभो नेमी पासो वीरो य अणारिएपि ॥ ४॥ उदिआ परीसहा सिं पराइआ ते य जिणवरिंदेहिं नव जीवाइपयत्थे उवलभिऊणं च निक्खता ॥ ५ ॥ पढमस्स बारसंग सेसाणिकारसंग सुयलंभो। पंच जमा पढमंति जिणाण सेसाण चत्तारि ॥ ६ ॥ पञ्चक्खाणमिणं संजमो य पढमंतिमाण दुबिगप्पो सेसाणं सामइओ सत्तरसंगो ज सबेसिं ॥ ७ ॥ वाससहस्सं वारस चउदस अट्ठार वीस वरिसाई। मासा छनव तिष्णिय चउ तिग दुगमिक्कग दुगं च ॥ ८ ॥ तिग दुगमिकग सोलस वासा तिष्णि य तहेवऽहोरतं मासिकारस नवगं चउपण्ण दिणाई चुलसीई ॥ ९ ॥ तह बारस वासाई जिणाण छउमत्थकालपरिमाणं । उग्गं च तवोकम्मं विसेसओ बद्धमाणस्स ॥ २४० ॥ फग्गुणबहुलिकारसि उत्तरसाढाहि नाणमुसभस्स पोसिक्कारसि सुद्धे रोहिणिजोएण अजिजस्स ॥ १ ॥ कत्तिअबहुले पंचमि मिगसिरजोगेण संभवजिणस्स पोसे सुद्धचउद्दसि अभीइ अभिनंदणजिणस्स ॥ २ ॥ चित्ते सुद्धिकारसि महाहिं सुमइस्स नाणमुप्पण्णं चित्तस्स पुण्णिमाए पउमाभजिणस्स चित्ताहिं ॥ ३ ॥ फग्गुणबहुले छुट्टी विसाहजोगे सुपासनामस्स फम्गुणबहुले सत्तमि अणुराह ससिप्पहजिणस्स ॥ ४ ॥ कत्तिअसुदे तइया मूले सुविहिस्स पुप्फ दंतस्स । पोसे बहुलचउदसि पुडासाढाहिं सीअल (जिण) स्स ॥ ५ ॥ पण्णरसि माहबहुले सिर्जसजिणस्स सवणजोएण। सयभिसय वासुपुजे बीयाए माहसुद्धस्स ॥ ६ ॥ पोसस्स सुद्धछट्टी उत्तरभद्दवय विमलनामस्स वइसाहबहुलचउदसि रेवइजोएणडणं तस्स ॥ ७ ॥ पोसस्स पुण्णिमाए नाणं धम्मस्स पुस्सजोएण पोसस्स सुदनवमी भरणीजोगेण संतिस्स ॥ ८॥ चित्तस्स सुद्धतइआ कित्तिअजोगेण नाण कुंयुस्स। कत्तिअसुदे बारसि अरस्स नाणं तु रेवइहिं ॥ ९ ॥ मग्गसिरसुद्धइकारसीह महिस्स अस्सिणीजोगे। फग्गुणबहुले बारसि सवणेणं सुच्चयजिणस्स ॥ २५० ॥ मगसिरसुद्धिकारसि अस्सिणिजोगेण नमिजिनिंदस्स। आसोअमावसाए नेमिजिनिंदस्स चित्ताहिं ॥ १ ॥ चित्ते बहुलवउत्थी विसाहजोएण पासनामस्स । वइसाइसुद्धवसमी हत्थुत्तरजोगि वीरस्स ॥ २ ॥ तेवीसाए नाणं उप्पण्णं जिणवराण पुचण्हे। वीरस्स पच्छिमण्हे पमाणपत्ताए चरिमाए ॥ ३ ॥ उसभस्स पुरिमताले वीरस्सुजुवालिआनईतीरे । साण केवलाई जेसुजाणे पद्मइआ ॥ ४ ॥ अद्रुमभतंतंमी पासोसहमहिरिनेमीणं । वसुपुज्जस्स चउत्थेण छट्टभत्तेण सेसाणं ॥ ५ ॥ चुलसीइं च सहस्सा एगं च दुवे य तिष्णि लक्खाई। तिष्णि य वीसहिआई तीसहिआई च तिष्णेव ॥ ६ ॥ तिष्णि य अड्ढाइजा दुवे य एगं च सयसहस्साई चुलसीइं च सहस्सा बिसत्तरि अट्ठसद्धिं च ॥ ७॥ छावहिं चउसहिं बावडिं सद्विमेव पण्णासं । चत्ता तीसा वीसा अट्ठारस सोलस सहस्सा ॥ ८ ॥ चउदस य सहस्साइं जिणाण जइसीससंगहपमाणं अज्जासंगहमाणं उसभाईणं अओ वुच्छं ॥ ९ ॥ तिष्णेव य लक्खा तिणिय तीसा य तिन्नि छत्तीसा। तीसा य छच्च पंच य तीसा चउरो य वीसा य ॥ २६०॥ चत्तारि अ तीसाई तिण्णि य असिआई तिन्हमेत्तो य वीमुत्तरं छ अहिअं तिसइस्सहियं च लक्खं च ॥ १ ॥ लक्खं अट्ठसयाणि य बावद्विसहस्स चउसयसमग्गा एगट्टी उच्च सया सद्विसहस्सा सया छच्च ॥ २ ॥ सहि पणपण्ण पण्णेगचत्त चत्ता तहऽट्टतीसं च। छत्तीसं च सहस्सा अजाणं संगहो एसो ॥ ३ ॥ पढमाणुओगसिद्धो पत्तेअं सावयाइआणंपि। नेओ सङ्घजिणाणं सीसाण परिग्गहो (संगहो) कमसो ॥ ४ ॥ तित्यं चाउवष्णो संघो सो पढमए समोसरणे । उप्पण्णी अ जिणाणं वीरजिविंदस्स बीयंमि ॥ ५ ॥ चुलसीई पंचनउई विउत्तरं सोलसुत्तर सयं च सत्तहियं पणनउई तेणउई असीई य ॥ ६ ॥ इक्कासीई छावत्तरी य छावट्ठि सत्तवण्णा य पण्णा तेयालीसा छत्तीसा चेव पणतीसा ॥ ७ ॥ तित्तीस अट्ठवीसा अट्ठारस चैव तहय सत्तरस इकारस दस नवर्ग गणाण माणं जिनिंदाणं ॥ ८ ॥ एकारस उ गहरा जिणस्स वीरस्स सेसयाणं तु जावइया जस्स गणा तावइया गणहरा तस्स ॥ ९ ॥ धम्मोवाओ पवयणमहवा पुवाई देसगा तस्स सङ्घजिणाण गणहरा चउदसपुत्री व जे जस्स १९८१ आवश्यकं सनिर्यु- सूचिकं मूलसूत्रं नियुदित!
मुनि दीपरत्नसागर
Sandal De