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________________ आयरियं वा जाव गणावच्छेइयं वा अन्नं गणं उपसंपज्जित्ताणं बिहरित्तए, कप्पइ से आपुच्छित्ता आयरियं वा जाव गणावच्छेइयं वा अन्नं गणं उवसंपजित्ताणं विहरितए, ते य से विवरेजा एवं से कप्पइ अन्नं गर्ण उवसंपज्जित्ताणं विहरित्तए, ते य से नो बियरन्ति एवं से नो कप्पइ अन्नं गणं उपसंपजित्तार्ण विहरित्तए।१६। आयरिवउ अबकम्म इच्छेना अन्नं गणं उपसंपजित्ताणं विहरित्तए, नो से कप्पइ आयरियउवज्झायस्स आयरियउवज्झायतं अनिक्खिवित्ता अन्नं गणं उपसंपजित्ताणं बिहरित्तए, कप्पह से आयरियउवज्झायस्स आयरियउबज्झायत्तं निक्खिचित्ता अन्नं गणं उपसंपज्जित्ताणं विहरित्तए, नो से कप्पइ अणापुच्छित्ता आयरियं या जाव गणावच्छेइयं वा अन्नं गणं उवसंपज्जित्ताणं विहरित्तए, कपड़ से आपुच्छित्ता आयरियं वा जाव गणावच्छेइयं वा अन्नं गणं उपसंपज्जिताणं वि रित्तए, ते य से वियरेज्जा एवं से कप्पइ अन्नं गणं उपसंपज्जित्ताणं बिहरित्तए, ते य से नो वियरेजा एवं से नो कप्पइ अन्नं गणं उपसंपजित्ताणं विहरित्तए '५७७।१७। भिक्खू य गणाओ अवकम्म इच्छेजा अन्नं गणं संभोगपडियाए उपसंपजित्ताणं विहरित्तए, नो से कप्पड़ अणापुच्छित्ता आयरियं वा उवज्झायं वा पवत्ति वा थेरं वा गणिं वा गणहरं वा गणावच्छेइयं वा अन्नं गणं संभोगपडियाए उवसंपज्जित्ताणं विहरित्तए, कप्पड़ से आपुच्छित्ता आयरियं वा जाव गणावच्छेइयं वा अन्नं गणं संभोगपडियाए उवसंपजित्ताणं विहरित्तए, ते य से वियरेजा एवं से कप्पइ अन्नं गणं संभोगपडियाए उवसंपन्जित्ताणं विहरित्तए , ते य से नो वियरेज्जा एवं से नो कप्पड अन्नं गणं संभोगपडियाए उवसंपज्जित्ताणं विह रित्तए, जत्युत्तरियं धम्मविणयं लभेजा एवं से कप्पइ अन्नं गणं संभोगपडियाए उपसंपजित्ताणं विहरित्तए, जत्युत्तरियं धम्मविणयं नो लभेज्जा एवं से नो कप्पइ अन्नं गणं संभोगपडियाए उबसंपज्जिताणं विहरित्तए ५९४।१८ागणावच्छेइए य गणाओ अवकम्म इच्छेजा अन्नं गणं संभोगपडियाए उपसंपजित्ताणं विहरित्तए नो से कप्पद गणावच्छेइयस्स गणावच्छेइयत्तं अनिक्खिवित्ताविहरित्तए कप्पइ से गणावच्छेइयस्स गणावच्छेइयत्तं निस्विवित्ताणं अन्नं गर्ण संभोगपडियाए उपसंपजित्ताणं विहरितए, नो से कप्पड़ अणापुच्छित्ता आयरियं वा जाव गणावच्छेइयं वा अन्नं गर्ण संभोगपडियाए उवसंपज्जित्ताणं विहरित्तए, कप्पड़ से आपुच्छित्ता आयरियं वा जाव गणावच्छेद्य वा अन्नं गणं संभोगपडियाए उपसंपज्जित्ताणं विहरित्तए, ते य से वियरंति एवं से कप्पइ अन्नं गर्ण उवसंपज्जित्ताणं बिह रित्तए, ते य से नो वियरंति एवं से नो कप्पइ अन्नं गणं संभोगपडियाए उवसंपज्जित्ताणं विहरित्तए, जत्थुत्तरियं धम्मविणयं लभेज्जा एवं से कप्पइ अन्नं गणं संभोगपडियाए 5 उपसंपन्जित्तार्ण विहरित्तए, जत्युत्तरियं धम्मविणयं नो लभेजा एवं से नो कप्पइ अन्नं गणं संभोगपडियाए उक्संपजित्ताणं विहरित्तए ।१९। आयरियउवमाए य गणाओ अवकम्म इच्छेजा अन्नं गर्ण संभोगपडियाए उपसंपजित्ताणं बिहरित्तए नो से कपइ आयरियउवज्झायस्स आयरियजवझायत्तं अनिक्खिवित्ता विहरित्तए, कष्पइ से आयरियउवज्झायस्स आयरियउवज्झायत्तं निक्खिवित्ताणं अनं गणं संमोगपडियाए उक्संपज्जित्ताणं विहरित्तए, नो से कप्पइ अगापुच्छित्ता आयरियं वा जाव गणावच्छेइयं वा अन्नं गणं संभोगपडियाए उपसंपजित्ताणं विहरित्तए, कप्पइ से आपुच्छित्ता आयरियं वा जाव गणावच्छेदयं वा अन्नं गणं संभोगपडियाए उपसंपजित्ताणं विह रित्तए, ते य से वियरंति एवं से कप्पड़ अन्नं गणं संभोगपडियाए उपसंपजित्ताणं विहरित्तए, ते य से नो वियरंति एवं से नो कप्पइ अन्नं गणं संभोगपडियाए उवसंपज्जित्ताणं विहरित्तए, जत्युत्तरियं धम्मविणयं लभेजा एवं से कप्पा अनं गणं संभोगपडियाए उपसंपजित्ताणं विहरितए, जत्युत्तरियं धम्मविणयं नो लभेजा एवं से नो कप्पद असं गणं संभोगपटियाए उपसंपजित्ताणं विहारत्तए ।२०।। भिक्खू य इच्छेज्जा अनं आयरियउवझार्य उदिसावेत्तए नो से कप्पइ अणापुच्छित्ता आयरियं वा जाच गणावच्छेइयं वा अनं आयरिय उवज्झायं उदिसावेत्तए, कप्पड़ से आपूच्छिता आयरियं वा जाव गणावच्छेश्य वा अन आयरियउवज्झायं उदिसावेत्तए, ते य से वियरंति एवं से कप्पइ अन्नं आयरियउबझायं उदिसावेत्तए, ते य से नो विपरन्ति एवं सेनो कप्पा अग्नं आयरियउयज्झायं उदिसावेत्तए, नो से कप्पइ तेसि कारणं अदीवेत्ता अन्नं आयरियउवज्झायं उदिसावेत्तए, कप्पड़ से तेसि कारणं दीवेत्ता०।२१॥ गणावपछेइए य इचछज्जा अर्थ आयरियउवज्झाय उदिसावेत्तए, नो से कप्पइ गणावच्छेदयस्स गणावच्छेइयत्तं अनिक्खिवित्ता जनं आयरियउवज्झायं उदिसावेत्तए, कप्पइ से गणावच्छे यस्स गणावच्छेदयत्तं निक्खिवित्ता • उहिसावेत्तए, नो से कप्पइ अणापुच्छित्ता आयरियं वा जाव गणावच्छेइयं वा अर्ज आयरियउवज्झायं उदिसावेत्तए, कप्पइ से आपूच्छित्ता आयरियं वा जाव गणावच्छेइयं वा अनं आयरियउवज्झायं उदिसावेत्तए, ते य से वियरंति एवं से कप्पइ अचं आयरियउवज्झार्य उदिसावेत्तए, ते य से नो वियरंति एवं से नो कप्पइ अन्नं आयरियउबझायं उदिसावेत्तए, नो से कप्पड़ तेसि कारणं अदीवेत्ता अन्नं आयरियउवज्झायं उदिसावेत्तए, कप्पड़ से तेसि कारणं दीवेत्ता अन्न आयरियं वा उवज्झायं वा उहिसावेत्तए '६१७' ।२२। आयरियउबज्झाए इच्छेना अचं आयरियउवज्झायं उहिसावेत्तए, नो से कप्पड आयरियउवज्झायस्स आयरियउवज्झायत्तं अनिक्खिवित्ता अनं आयरियउवमार्य उदिसा९६६ रहत्कल्पःमूत्रं, उसो-४ मुनि दीपरत्नसागर
SR No.003935
Book TitleAagam Manjusha 35 Chheyasuttam Mool 02 Buhatkappo
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAnandsagarsuri, Sagaranandsuri
PublisherDeepratnasagar
Publication Year2012
Total Pages11
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_bruhatkalpa
File Size8 MB
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