________________ आलिम्पित्तए वा विलिंपिनए वा, नन्नन्थ आगाढानागादेहिं रोगायकेहि '३४०।५०।नो कप्पइ निग्गन्याण चा निग्गन्धीण वा पारियासिएणं नेडेण वा घएण वा नवणीएण वा वसाए वा गायाई अन्भनिनए वा मक्खनए वा, नन्नन्थ आगाढानागादेहिं रोगायकेहि (नो कप्पड़ निग्गन्थाण वा निग्गन्धीण वा ककेण वा लोद्धेण वा पधूवणेण वा अन्नयरेण वा आलेवणजाएणं गायाइं उबलेनए वा उपहेनए वा, नन्नन्ध आगाढानागाढेहि रोगायङ्केहि) '348151 // परिहारकप्पट्ठिए णं भिक्खू बहिया थेराणं वेयावडियाए गच्छेजा, से य आहच अइकमेजा,नं च थेरा जाणेजा, अप्पणो आगमेणं अनेसिं वा अंतिए सोचा, तओ पच्छा तस्स अहालहुसए नाम ववहारे पट्टवियो सिया '362 / 52 / निग्गन्धीए य गाहावइकुलं पिण्डवायपडियाए अणुप्पविट्ठाए अन्नयरे पुलागभने पडिग्गाहिए सिया, सा य संथरेजा कप्पड़ से तहिवसं नेणेव भत्तट्टेणं पन्नोसवेनए, नो से कप्पड़ दोचंपि गाहावइकुलं पिण्डवायपडियाएक पविसिनए.सा य नो संथरेजा एवं से कप्पड दोचंपि गाहावइकुलं पिण्डवायपडियाए भनाए वा पाणाए वा निकखमिनए वा परिसिनए बनि बेमि 375' 15 // नो कप्पड निग्गन्धाण वा निग्गन्धीण वा इमाई छ अवयणाई वइत्तए, नं0- अलियवयणे हीलियवयणे खिसियवयणे कम्सवयणे गारन्थियवयणे विओ. सवियं वा पुणो उदीरेनए 69 ॥१॥छ कप्पस्स पत्यारा पं० तं- पाणाइवायम्स वायं वयमाणे मुसावायरस वायं वयमाणे अदिन्नादाणस्स वायं वयमाणे अचिरडयवाय वयमाणे अपुरिसवायं षयमाणे दासवार्य वयमाणे, इचेए कप्पस्स छप्पत्यारे पन्थरेना सम्म अप्पडिपूरमाणे नट्टाणपत्ने सिया 99 / 2 / निम्गंधस्स य अहे पायंसि खाणए वा कंटए वा हीरे वा सक्करे वा परियावजेजा तं च निग्गंधे नो संचाएजा नीहरित्तए वा विसोहेनए वा, तं निग्गंधी नीहरमाणी चा विसोहेमाणी वा नाइकमह / 3 / निगंथम्स य अच्छिसि पाणे वा बीए वा रए वा परियावजेजा, नं च निगथे नो संचाएजा नीहरिनए वा विसोहेनए वा, न निग्गंधी नीहरमाणी वा विसोहेमाणी वा नाइकमा / 4 / निम्गंधीए य अहे पायंसि खाणुए वा कटए वा हीरे वा सकरे वा परियावजेजानं च निम्गंथीनो संचाएजा नीहरिनए वा विसाहेनए वा, न च निग्गंथे नीहरमाणे वा विसाहमाणे वा नाइकमइ। 5 / निगंथीए य अन्छिसि पाणे वा बीए वा रए वा परियावजेजा, नं च निम्गंधी नो संचाएइ नीहरिनए वा विसोहेनए वा, तं च निमांथे नीहरमाणे वा विसोहेमाणे वा नाइकमा 118 / 6 / निग्गंथे निम्नथि दुग्गंसि वा चिसमंसि वा पश्यसि वा पक्वलमाणि वा पवडमाणिं वा गेण्हमाणे वा अवलम्बमाणे वा नाइकमह / 7 / निग्गथे निधि सेयंसि वा पंकसि वा पणगंसि वा उदयंसिवा ओकसमाणि वा ओवुज्झमाणिं या गेण्हमाणे वा अवलम्बमाणे वा नाइकमइ।८। निगचे निरगंथि नावं आकभमाणि वा ओकभमाणि वा गेण्हमाणे वा अवलम्बमाणे वा नाइकमइ | 131 / 9 / खित्तचित्तं निगथि निग्गथे गिण्हमाणे वा अवलंबमाणे वा नातिकमनि 178 / 10 / दिनचिनं निम्गंथि निग्गंथे गेण्हमाणे चा अवलम्बमाणे वा नाइकमइ 193' / 11 / जक्खाइटुं० / 12 / उम्मायपत्तं० / 13 / उक्सग्गपत्तं० / 14 / साहिगरणं० / 15 / सपायच्छितं / 16 / भत्नपाणपडियाइक्खियं / 17 अट्ठजायं निम्गंथि निग्गंथे गेण्हमाणे वा अवलम्बमाणे वा नाइकमा '248 / 18 / छ कप्पस्स पलिमंधू पं० 20 कोकुदए संजमस्स पलिमंथू मोहरिए सच्चवयणम्स पलिमंथू निम्तिणिए एसणागोयरम्स पलि. मंथू चक्खुलोलुए इरियावहियाए पलिमंथू इच्छालोभे मुत्तिमम्गस्स पलिमंथू भिजानियाणकरणे मोक्खमग्गस्स पलिम), सवत्थ भगवया अनियाणया पसन्था '286 / 19 / | छबिहा कप्पट्टिई पं०२०-सामाइयसंजयकप्पट्टिई छेओवट्ठावणियसंजयकापटि निविसमाणकप्पठिई निविट्ठकाइयकप्पट्टिई जिणकप्पट्टिई धेरकप्पट्टिइनिबेमि '428' / 20 / छट्टो उद्देसओ 6 // इति श्रीबृहत्कल्पच्छेदसूत्रंसौराष्ट्रमंडले पादलिप्तपुरे श्रीसिद्धाद्रितलहहिकागतशिलोत्कीर्णसकलागमोपेतश्रीवर्धमानजैनागममंदिरे शिलायामुल्कीर्ण श्रीवीरस्य२४६८ ***************