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रोटी का प्रश्न
बड़ा जोशीला, बड़ा उत्साही बैठा झोंपड़ी में अध्ययनरत युवक दिन में संजोये सपने रात्रि में देखे
मैं कवि बनूंगा साहित्य संसार में तुलसी की तरह,
सेवा करूंगा मातृभूमि की शिवाजी की तरह,
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