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विकास-पथ
अपेक्षित हैं
विकासशील राष्ट्रों के प्रति सहयोग और समान अधिकार, मानव - मानव में, राष्ट्र - राष्ट्र में बंद हों विषमता के द्वार । यही है विश्व में
उन्नति का साधन, समस्याओं का समाधान फैल सकता है जिससे विश्व-बन्धुत्व का प्रकाश ।
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