________________
आदमी
आदमी बड़ा विचित्र
मनुष्यत्व भी
पशुत्व भी
हर आयाम से आप्लावित,
आक्रोश और आवेश से
घृणा और स्वार्थ से,
जब इसका बीभत्स रूप
Jain Education International
आकस्मिक प्रगट होता है
तब पशुत्व भी इसके कृत्यों से
लज्जित होता हैं, रोता है ।
For Personal & Private Use Only
४६
www.jainelibrary.org