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चिर संग थीं
लोक - मंगल की ऋचाएँ
विश्व कल्याण की गाथाएँ
तुमने प्रकाशित की
अनुभूत परिभाषा
सनाथ - अनाथ की
दुष्प्रवृतियों में आत्मा अनाथ है सत्प्रवृतियों में सनाथ ।
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