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क्या आप चाहते हैं कि आपका आने वाला कल आपको एक नशेड़ी कहे, एक शराबी कहे? अगर आप चाहते हैं कि आपका बेटा गौरव के साथ आपका नाम ले सके तो गौरव को आपको आत्मसात् करना होगा तथा घर-परिवार में अपनी संतान को वैसा वातावरण देना होगा।
दुनिया के एक बहुत मशहूर आदमी हुए हैं जिनका नाम था अल्फ्रेड नोबल। अल्फ्रेड नोबल के नाम से ही नोबल पुरस्कार सारे विश्व में प्रतिष्ठित है। पता है यह नोबल पुरस्कार पैदा कैसे हुआ? नोबल उस आदमी का नाम है जिसने डायनामाइट का आविष्कार किया था। किसी भी चीज का विस्फोट कैसे हो सकता है, इसका
आविष्कार किया था। अगर दो अणु हैं या दो मिट्टी के कण हैं तो इन दो कणों में से विद्युत् को कैसे विस्फोटित किया जा सकता है? इसका जिसने आविष्कार किया था, उसी का नाम था अल्फ्रेड नोबल। उसके जीवन में एक अद्भुत घटना घटी। जिस आदमी ने दुनिया में शस्त्रों के आविष्कार के लिए अपनी जिंदगी लगा दी थी उस के नाम पर नोबल पुरस्कार और वह भी शांति के प्रयासों के लिए! घटना अद्भुत घटी। घटना यह घटी कि एक बार जब अल्फ्रेड नोबल बैठे हुए थे तो सुबह का अखबार पढ़कर वे दंग रह गए क्योंकि उसमें उनकी मौत का समाचार छपा हुआ था। अल्फ्रेड नोबल इस बात को देखकर चकित रह गए कि उनके जीते-जी उन की मृत्यु! आखिर ऐसा कैसे हुआ जबकि मैं तो जीवित बैठा हूँ और लोगों ने मुझे शोक-श्रद्धांजलि भी समर्पित कर दी है। उनकी आत्मा की शांति के लिए लोगों प्रार्थना भी कर दी। सरकार ने भी एक दिन के अवकाश की घोषणा कर दी।
नोबल को लगा कि जरा मैं देखू तो सही कि लोगों ने मेरे प्रति क्या-क्या बातें कही हैं? मेरे प्रति लोगों के कैसे नजरिये हैं? उसने पूरा कॉलम पढ़ना शुरू किया तो कॉलम पढ़ते-पढ़ते जैसे ही वह अंतिम पंक्ति पर पहुँचा कि चौंक पड़ा। ओह! तो क्या आने वाला कल मुझे इस रूप में याद करेगा? उस कॉलम में यह टिप्पणी की गई थी कि अल्फ्रेड नोबल ऐसे जिएँ मधुर जीवन
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