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अपनी हर असफलता को सफलता की मंजिल का पड़ाव भर समझें।
‘ऐसे जीएँ' जीवन के प्रति रहने वाले हर नकारात्मक दृष्टिकोण से मुक्त होने का आह्वान है । हमारे विचार सकारात्मक बने; हमारी सोच में समग्रता आए; हमारा जीवन आनंद, उल्लास और आत्मविश्वास से भर उठे, यही प्रभुश्री का सार-संदेश है । हम हर सूत्र को अपने में गहराई से उतारते जाएँ और टटोलते जाएँ अपने आपको । जब कभी विचारों के भंवरजाल में उलझा हुआ पाएँ और राह न सूझे, तो फिर-फिर इन अमृत संदेशों से गुजरें । इस उत्साह के साथ कि सुबह करीब है।
-सोहन
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