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"धरती पर प्रकाश तो कई दफे अवतरित हुआ है, फैला है। लेकिन अंधेरे में जीने वाले लोगों ने उसका अनादर ही किया है। कभी प्रकाश को शूली पर लटकाया गया, कभी कानों में कीलें ठोंकी गईं, कभी जहर का प्याला पीने को मजबूर किया गया और कभी गोली से उड़ा दिया गया । दुःख में जीने वाले लोग कभी आनंद का स्वागत नहीं कर पाते।"
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