________________
“सत्य क्या है ? सम्भव है इस प्रश्न का उत्तर दुनिया में तुम्हें, सिवाय तुम्हारे कोई न दे पाएगा ! अगर किसी को पूछने से ही सत्य ज्ञात हो जाता या शास्त्रों के संदर्भो में मिल जाता तो महावीर और बुद्ध सत्य की खोज में घर परिवार त्याग कर अनजान जंगल में न जाते । सत्य का न तो उपदेश होता है और न ही शास्त्र । जैसे प्रेम का कोई शास्त्र नहीं होता, विधिवत् प्रशिक्षण नहीं होता वैसे ही सत्य का कोई शिक्षा-शास्त्र नहीं होता।"
Jain Education International
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org