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________________ मेंने उनसे पूछा-'कार कहाँ है ।' बच्चों ने जवाब दिया'वो तो चली गई।' एक बच्चे ने खुलासा करते हुए बताया कि वे दोनों 'कार-कार' खेल रहे थे और उन्होंने तय किया था कि सड़क से गुजरने वाली कार पर जिसकी नजर पहले पड़ेगी, वह कार उसी की होगी। मैं हंस पड़ा। कार किसी की, मालिक कोई और बन रहा है, और उसके लिए झगड़ा भी कर रहा है। आदमी कहता है यह मेरा मकान, मेरी पत्नी, मेरे बच्चे । कभी बच्चों से भी पूछा, पत्नी से भी जाना कि वो आपकी है या नहीं। लोगों को इस बात का बहुत अभिमान होता है कि उनकी पत्नी उनके बिना जीवित नहीं रह सकती। आपने कितनी औरतों को अपने पति के साथ मरते देखा है ? जो अपने पास है उसे बाहर ढूढने का प्रयास मत करो । स्वयं का सुख स्वयं में तलाशो। स्वयं में डूबकर ही मीरा का नृत्य पैदा हो सकता है, चैतन्य के भजन फूट सकते हैं, सूर का इकतारा झंकृत हो सकता हैं । जो पास है उसकी अन्यत्र खोज क्यों ! एक व्यक्ति थाने गया और रिपोर्ट लिखवाई कि उसका चार साल का बच्चा खो गया है। जब वह हुलिया आदि लिखवा चुका तो पुलिस कर्मी ने कहा कि इस हुलिये का बच्चा तो आपकी गोद में है । गधे पर बैठ पूरे गांव में अपना गधा ढूढकर पा गए । ऐसे कई लोग मिल जाएंगे, जिनके माथे पर या हाथ में चश्मा होगा, लेकिन वे उसे तलाश करने में कई घंटे खर्च कर देंगे। तो इसी तरह आदमी कहता है- 'मेरा परमात्मा कहाँ है ?' आप ढूढकर थक गये लेकिन परमात्मा नहीं मिला । अपनी तरफ किसी की नजर नहीं जाती, आदमी बाहर ही भटकता रहता ( ८७ ) Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003889
Book TitleSamay ki Chetna
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandraprabhsagar
PublisherJityasha Foundation
Publication Year1995
Total Pages158
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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