________________ समय का हर क्षण जीवन का स्वर्ण-कण है। हर मनुष्य को समय का बोध और समय की चेतना होनी चाहिये। समय का पाबंद होना स्वयं पर स्वयं का शासन है। जो यह सोचते हैं कि अभी तो समय बहुत है, वे जीवन की वर्तमान उपलब्धियों से वंचित रह जाते हैं / धन्य तो वे हैं, जो शुभ और सार्थक को कल पर टालने की बजाय आज ही करने में विश्वास रखते हैं। Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org