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________________ जंगली लोगों ने पकड़ लिया। उन्होंने राजा की बलि देने की तैयारी की लेकिन तभी उनके गुरु ने कहा कि इसकी अंगुली कटी हुई है और बलि के लिए 'सम्पूर्ण' व्यक्ति चाहिए। यह सुनकर राजा की जान में जान आई। जंगलियों ने राजा को छोड़ दिया। राजा महल में पहुंचा और पहला आदेश यह दिया कि जेल में बंद मंत्री को छोड़ा जाए। जेल से निकल कर जब मंत्री सभा में पाया तो उसने देखा कि सिंहासन के ठीक ऊपर एक पट्टी पर लिखा था-'जो होता है अच्छे के लिए होता है।' वह मुस्कुराया। राजा ने उसे धन्यवाद दिया, लेकिन साथ ही पूछा 'मेरी अंगुली कटने से तो मेरी जान बची लेकिन तुम्हारे जेल जाने से तुम्हारा क्या फायदा हुआ ?' मंत्री धीरे से मुस्कुरा कर बोला-'मेरी तो जान बच गई, महाराज ! राजा ने पूछा-'वो कैसे ?' मंत्री ने जवाब दिया कि महाराज अगर मैं बाहर होता तो शिकार के समय आपके साथ जाना पड़ता और हो सकता है तब सम्पूर्ण मनुष्य देखकर मेरी बलि दे दी जाती।' जो आदमी बुरा होने पर भी सोचे कि अच्छा हुअा, उसके लिए सब अच्छ। है । भले ही समय उसके विपरीत चले, जिसके पास समय की चेतना है, समय का बोध है, वह व्यक्ति विपरीत परिस्थितियों में भी समय के साथ समझौता करता हुअा अपने जीवन को सुखमय बना लेगा। वह तनाव-मुक्त जीवन जीना सीख जाएगा । समय चाहे कैसा भी हो, आदमी उसके अनुसार अपने को ढालते हुए समय के साथ कदम से कदम मिलाकर चले तो उसकी हजार समस्याएं ऐसे ही हल हो सकती हैं । निश्चित तौर पर समय उसको अपने से मुक्त कर देता है, मृत्यु से मुक्त कर देता है और मृत्यु से मुक्त होना ही मोक्ष है, जीवन का अमृत अमरत्व है। - ( १४६ ) Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003889
Book TitleSamay ki Chetna
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandraprabhsagar
PublisherJityasha Foundation
Publication Year1995
Total Pages158
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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