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________________ में बदल सकते हैं। हानि में भी विशेष रूप से लाभ उठाने की कोशिश कीजिए। एक व्यक्ति को किसी साइकिल वाले ने टक्कर मार दी। व्यक्ति क्रोधित तो हुआ, पर गालियाँ निकालने की बजाय मिठाइयाँ बाँटने लगा। लोगों ने समझा इसकी बुद्धि सठ्ठिया गई है। आख़िर एक व्यक्ति ने पूछा, यह मिठाई की दावत कैसे? उसने कहा – ईश्वर की कृपा है कि हमेशा तो यह ट्रक चलाता है संयोग से आज साइकिल ही चला रहा था। यदि अपने जीवन को इस तरह से जीना शुरू कर दिया तो हमारी दुर्बलताएँ, अप्रत्याशित रूप से हमारी सहायक बन जाएगी। जीवन की हर घटना के प्रति अपनाया गया समारात्मक नज़रिया व्यक्ति को सदैव चिंता और तनाव से मुक्त रखती है। घटना प्रभावशाली नहीं होती। हमारी ग्रहण करने की दृष्टि ही उसे सुख और दुःख में परिवर्तित कर देती है। एक व्यक्ति ने मुझे बताया दो साल पहले उसके परिवार में आउटिंग का प्रोग्राम बना। सब अपनी तैयारियों में व्यस्त थे। घर के हर सदस्य को उसके हिसाब से काम बाँट दिए गए थे। जाने से पहले सब कुछ चेक करने के बाद पड़ोसियों को हिदायत व जिम्मेदारी देकर हम घर से निकल पड़े। स्टेशन पहुँचे, तो पता लगा गाड़ी 10 घंटे लेट है। हम बहुत उदास हो गए। हमारा घर स्टेशन से 3-4 किलोमीटर ही था, सो हम घर वापस आ गए। घर पहुँचे तो सामने का दृश्य देखकर भौंचक्के रह गए । पानी की टंकी से पानी बहकर घर में इकट्ठा हो चुका था और पानी की मोटर का स्विच ऑन था। गाड़ी लेट हो गई वरना मोटर में शॉर्टसर्किट हो सकता था और पूरे घर में करंट फेल जाता। माँ स्विच ऑफ करना भूल गई क्योंकि उस बीच कुछ देर के लिए बिजली चली गई थी। सबके चेहरों पर रौनक लौट आई। हमने ईश्वर को धन्यवाद दिया।अगर गाड़ी लेट न होती, तो न जाने क्या होता। हमें विश्वास हो गया कि जो होता है, अच्छे के लिए होता है। चिन्ता मानव मस्तिष्क को विकृत कर देती है, तन को गला देती है और हज़ार-हज़ार बीमारियों को निमंत्रण देकर बुलाती है। 'चिन्ता समं नास्ति शरीर शोषणम्' चिन्ता के समान शरीर का शोषण करने वाली दूसरी कोई वस्तु नहीं है। Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003884
Book TitleBahetar Jine ki Kala
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandraprabhashreeji
PublisherJain Shwetambar Panchyati Mandir Calcutta
Publication Year
Total Pages122
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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