SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 91
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ हम उत्साह से काम करें, चाहे किसी से रिश्ता रखें या चाहे साधना में बैठें, यदि हम उत्साह और उमंग के भाव के साथ उत्साह और उमंग की पहल करेंगे तो उसके परिणाम भी उत्साह और उमंग के ही होंगे। अगर बोझिल मन से, मरे हुए मन से, कुंठिन मन से, व्यग्र मन से यदि भोजन भी करेंगे तो भोजन भी बेस्वाद ही लगेगा और रसगुल्ला भी नीरस हो जाएगा, फूल को सूंघना भी हमें पत्थर सूंघने की तरह लगेगा। उत्साह-भाव के साथ ही जीवन को जीया जाए और उत्साह भाव के साथ ही अपने कर्मयोग को सम्पादित किया जाए । व्यक्ति जब साँझ को घर लौटता है तो थका-हारा हुआ आता है और पत्नी से कहता है, 'बहुत थक चुका हूँ।' तब यह समझ लीजिए कि यह बात वही व्यक्ति कहेगा जो अपने घर से ही बेमन होकर निकला था। वहीं दूसरा व्यक्ति दिन भर मेहनत करके जब अपने घर लौटता है और आते ही अपने बच्चों को प्यार करता है, पत्नी से मुस्कुरा कर बोलता है तो इतना करने मात्र से ही उसके दिन भर की थकावट दूर हो जाती है। यही तो है हमारे जीने की कला जिसमें हम जिस भाव से, जिस उत्साह से, जिस कार्य को करना चाहेंगे तो वह कार्य उतना ही परिणामदायी होगा। उत्साह-भाव से किया गया हर कार्य स्वर्ग का द्वार होता है। जबकि निराश तथा बोझिल मन से किया गया कार्य नरक की फिसलन बन जाता है । इसलिए मेरे प्रिय आत्मन्, अपनी जिंदगी में हम जिसे हर हालत में संजोकर रख सकते हैं, वह हमारा उत्साह ही है। आपको वह कहानी याद होगी जो यह बताती है कि एक व्यक्ति पेड़ की टहनी पर लटका हुआ था । पेड़ की टहनी पर शहद का छत्ता था । हम लोगों ने यह भी सुना है कि उस पेड़ की टहनी को चूहा काट रहा था और पेड़ के तने को हाथी तोड़ रहा था । जहाँ व्यक्ति लटका हुआ था, उसके नीचे कुआँ था, उसमें अजगर मुँह खोले हुए पड़ा था । यह कहानी हमारी अपनी ही कहानी है । आप अपनी जिंदगी को ऐसी ही समझें और यह मानकर चलें ९० Jain Education International आपकी सफलता आपके हाथ For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003883
Book TitleAapki Safalta Aapke Hath
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandraprabhsagar
PublisherJityasha Foundation
Publication Year2006
Total Pages122
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy