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________________ व्यक्ति मुझको नुकसान तो नहीं पहुँचाएगा? उसकी हर बात में तुम्हें संदेह होने लगेगा। परिणाम यह निकलेगा कि तुम्हारा नजरिया ही गलत हो जाएगा। और गलत नजरिया महान् से महान् व्यक्ति को भी उपेक्षित बना देता है। लोगों के गलत नजरिए के चलते ही तो किसी महावीर जैसे महापुरुष के कानों में कीलें ठोकी गईं थी। नकारात्मक विचारों का ही परिणाम है कि जीसस को सलीब पर चढ़ाया गया। ये नकारात्मक विचार ही थे जिनके कारण सुकरात को जहर का प्याला पिलाया गया। धरती को अगर सकारात्मक सोच का दृष्टिकोण उपलब्ध हो जाता तो महावीर के कानों मे कीलें नहीं ठोकी जातीं, बल्कि उनके चरणों में पुष्प चढ़ाए जाते। तब जीसस को सलीब पर नहीं चढ़ाया जाता, बल्कि उन्हें सिरमाथे पर बिठाया जाता। तब सुकरात को जहर पीने के लिए मजबूर नहीं होना पड़ता। लोग उनके अमृत का खुद आचमन करते। हाँ, हम लोग जिसे नहीं अपना पाए, वह है सकारात्मक सोच । उसका नतीजा यह निकला कि व्यक्ति संदेह से घिर गया और संदेह ने व्यक्ति के नजरिए को भी विकृत कर दिया। वह दुराग्रहों से भर गया। नकारात्मक विचारों के कारण ही व्यक्ति डिब्बाबंद जिंदगी जीने के लिए विवश है। ज्ञान और विज्ञान के नित्य नए द्वार व्यक्ति के स्वागत के लिए खड़े हैं, पर डिब्बा बंद सोच व्यक्ति को आगे ही नहीं बढ़ने दे रहा है; चाहे वह डिब्बाबंद सोच पंथ के रूप में हो, परम्परा के रूप में हो, स्वार्थ या रूढ़िवादिता के रूप में हो। उसने व्यापक और महान् दृष्टिकोण को कुंठित ही किया है। अपने संकुचित दायरोंसे बाहर निकल कर सोचो तो तुम्हें सत्य का पता चलेगा। कुएँ का मेंढ़क जब कुएँ से बाहर निकलेगा, तब ही तो उसे पता चलेगा कि सागर बहुत बड़ा है। खुली सांस लेने के लिए खुली धरती है, मुक्त गगन है। फिर घुटघुटकर तंग दायरों में क्यों जीना! नकारात्मक सोच व्यक्ति को घुटन, तनाव व अवसाद से भर रही है। अगर कोई व्यक्ति गुस्सैल प्रकृति का है तो हम यही मानकर चलें कि उसके भीतर नकारात्मक विचारों ने अपना डेरा जमा लिया है और वह दूसरों के बेहतर सोचिये बेहतर जीवन के लिए Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003883
Book TitleAapki Safalta Aapke Hath
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandraprabhsagar
PublisherJityasha Foundation
Publication Year2006
Total Pages122
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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