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________________ जानते हैं कि किस प्रकार इस महिला ने शारीरिक अक्षमता को अपने दृढ़ मनोबल से दरकिनार करते हुए विश्व ओलम्पिक में तीन-तीन पदक जीते थे। अगर सचिन तेंदुलकर जीतकर आता है तो मात्र अपने बल्ले की ताकत से नहीं, वरन् अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति और आत्मविश्वास के कारण जीतकर आता है। व्यक्ति की जीत के पीछे एक रूहानी ताकत काम करती है। यह मत समझना कि यह ताकत किसी आसमान से टपकेगी या किसी पाताल को तोड़कर आयेगी। यह ताकत तुम्हारे आत्मविश्वास और दृढ़ मनोबल से जन्म लेगी। पर इसके लिए तुम्हें अपनी ऊर्जा को सार्थकता देनी होगी। अगर व्यक्ति असफल रहता है तो उसका कारण यह है कि उसने अपनी ऊर्जा का केवल पच्चीस प्रतिशत ही उपयोग किया है। लेकिन जो व्यक्ति सफलता की ऊँचाइयों को अर्जित करते हैं, वे अपनी सौ की सौ प्रतिशत ऊर्जा का उपयोग अपने लक्ष्य के प्रति करते हैं। ऐसे ही लोग बिल गेट्स और बिड़ला की कतार में खड़े होते हैं। शेर को पराक्रम का प्रतीक माना जाता है। अगर वह गुफा में अपने मुँह को खोलकर इस आशा में बैठ जाए कि हिरण स्वयं आकर उसके मुँह में प्रविष्ट होगा तो यह उसकी खामख्याली है। बिना पुरुषार्थ के एक हिरण तो क्या, एक मक्खी भी स्वयं उसके मुँह में प्रवेश नहीं करेगी। कुछ पाना है तो पुरुषार्थ और कठिन परिश्रम करना ही होगा। तुम तो अपनी ओर से लगातार प्रयास में लगे रहो, देर-सवेर तुम्हारी मेहनत जरूर रंग लाएगी। महाभारत की एक घटना है। एक बार भीम को आधी रात में भूख लग गई। वे उसी समय खाने की तलाश में रसोईघर में पहुँच गए। दूसरी तरफ उन्हें शयनकक्ष में न पाकर अर्जुन दुखी हो उठा और वह उन्हें खोजने लगा। खोजते-खोजते वह रसोईघर में पहुँचा । वहाँ घनघोर अन्धकार था, पर अर्जुन को कुछ चबाने की आवाज सुनाई दी। वह समझ गया कि वह भीम ही होगा। अर्जुन ने पुकारा-'भीम'। भीम ने कहा-'हाँ भैया।' अर्जुन ने पूछा- 'इतने अन्धकार में तुम क्या कर रहे हो?' भीम ने जवाब दियासफलता के लिए जगाएँ आत्मविश्वास ४७. Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003883
Book TitleAapki Safalta Aapke Hath
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandraprabhsagar
PublisherJityasha Foundation
Publication Year2006
Total Pages122
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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