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________________ आवश्यक भी है। चिड़िया को भी मेहनत करनी पड़ती है, शेर को भी मेहनत करनी पड़ती है। बिना मेहनत के कुछ भी नहीं होगा, यहाँ तक कि भीख माँगने के लिए भी मेहनत करनी पड़ती है। देखिए, मैं एक संत हूँ। मुझे मेहनत की क्या जरूरत? मैं कुछ भी न करूँ तो भी मेरे लिए वांछित सभी व्यवस्थाएँ विद्यमान हैं। पर मैं कर्मयोग करता हूँ। संत होने का मतलब निठल्ला होना नहीं है। दुनिया में गीता से किसी ने कुछ सीखा हो या न सीखा हो, पर मैंने गीता के कर्मयोग-सिद्धान्त से सदैव कर्म करते रहने की बात सीखी है। संत होने का अर्थ यह नहीं है कि मेहनत न की जाए। करोड़पति होने का अर्थ यह नहीं है कि मेहनत न की जाए। हर आदमी मेहनत करे, स्वस्थ रहने के लिए, व्यस्त रहने के लिए, सफलता प्राप्त करने के लिए। कंधे कंधे मिले हुए हैं, कदम कदम के साथ हैं। पेट करोड़ों भरने हैं, पर उनसे दुगुने हाथ हैं। जीवन में करने को बहुत कुछ है । व्यवस्थाओं को पूरा करने के लिए ही प्रकृति ने दूनी व्यवस्था की है। कमाने के लिए ही नहीं बल्कि भीख मांगने के लिए भी मेहनत करनी पड़ती है। एक बार एक व्यक्ति ने भिखारी से कहा-'तुझे शर्म नहीं आती भीख मांगते हुए। मेहनत कर।' उसने कहा-'कोई काम हो तो बताओ।' उसने कहा, 'ठीक है, कल से तू मेरी दुकान के बाहर आकर बैठ जाना।' भिखारी बोला-'फिर तो तू ही मेरे धंधे में आ जा। मैं तुझे पूरे दिन के अस्सी रुपये दूंगा। विनोद के लिए यह बात ठीक है पर जीवन में कुछ कर-गुजरने के लिए व्यक्ति को तत्पर होना होगा। जो व्यक्ति मेहनत से डरता है, वह कभी भी सफलता प्राप्त नहीं कर सकता। आपने बारहखड़ी सीखी है न्- क, ख, ग, घ । इसमें पहले क्या आता है? 'क' और फिर 'ख' इसलिए पहले कीजिए क्या करें कामयाबी के लिए? ३१ Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003883
Book TitleAapki Safalta Aapke Hath
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandraprabhsagar
PublisherJityasha Foundation
Publication Year2006
Total Pages122
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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