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________________ 'ओवर लोडिंग' मेहनत कर लेता है। आज डिलीवरी होती है, सिजेरियन ऑप्रेशन होते हैं। क्यों? मेरी माँ बताया करती थी कि पहले महिलाएँ फुलका बनाती थी और प्रसवपीड़ा होने पर बच्चे को जन्म दे देती थीं, क्योंकि पहले महिलाओं में श्रम की आदत थी। उन्हें बच्चा होने से तीन चार माह पूर्व गेहूँ पीसने के लिए घट्टी (चक्की) पर बैठाया जाता था। उन्हें प्रतिदिन गेंहूँ पीसने को दिये जाते थे ताकि उनके तन-मन दोनों को बल मिले। शरीर में लचीलापन रहे। आज सौ साल के लोगों से भी ज्यादा चालीस साल के लोगों की कमर में दर्द रहता है। सब कुर्सी पर बाबू साहब बनकर बैठे हैं। कोई गणेश जी बन रहा है, तो किसी की आँखें भीतर स रही हैं। गाल ऐसे चिपके हैं जैसे पानी पताशा फस्स हो गया हो। ध्यान रखिए, जमीन पर बैठकर भोजन करने से आपकी बैठक व किडनी से जुड़े हुए तत्त्व सक्रिय रहते हैं। आप देख लीजिए कि जापान में आपको कोई मोटा व्यक्ति नहीं मिलेगा। वहाँ सब लोग दुबले-पतले हैं या फिर कुछ सूमो पहलवान हैं। उसका कारण यह है कि जेपेनिज वज्रासन में बैठते हैं। यदि वहाँ किसी को आठ घण्टे तक कुर्सी पर बैठना होता है तो सुबह वह चार घण्टे तक शरीर से इतना पसीना बहा देता है कि उसका शरीर आठ घण्टे कुर्सी पर बैठ सके। आज लोग आठ नौ बजे तो सुबह सोकर उठते हैं। अभी तीन-चार रोज पूर्व मैं किसी के घर पर गया था। मैंने घर में रही महिला से पूछा'आपका पोता कहाँ है?' उसने जवाब दिया कि 'वह तो सो रहा है।' अब सोचिए कि जिस घर में बच्चे ग्यारह बजे तक सोते हैं, उनका भविष्य और भाग्य क्या होगा? रात भर सोना. ही सोना। जिंदगी सोने के लिए थोड़े ही है, जिंदगी तो कुछ कर गुजरने के लिए है। सोना तो शरीर को आराम देने के लिए है। बाकी तो कर्मठता ही जीवन की जीवन्तता है। आप सुबह उठकर व्यायाम कीजिए। घर के साजो-सामान सजाइये। घर में झाडू लगाएँ तो भी कोई दिक्कत नहीं। शरीर तो मशीन है। इसकी जितनी फूडिंग और ओइलिंग जरूरी है उतनी ही एक्सरसाइज भी आवश्यक है। फिटनेस के लिए यह ३० आपकी सफलता आपके हाथ Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003883
Book TitleAapki Safalta Aapke Hath
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandraprabhsagar
PublisherJityasha Foundation
Publication Year2006
Total Pages122
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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