________________ बनना है तो बनो अविहंत किसी के अनुयायी बने तो क्या बने? अगर बनना ही है तो कुछ ऐसा बनो जो तुम्हें तुम्हारी ऊँचाई दे दे। और लोग ऊँचाई तक पहुँचे, यह अच्छी बात हुई पर यह अच्छी बात उनके खुद के लिए हुई। तुम्हारे लिए अच्छी बात तब होगी जब तुम खुद पहुँचोगे। महावीर ने कभी नहीं कहा कि तुम महावीर-भक्त बनो, महावीर ने कहा तुम स्वयं महावीर बनो। अरिहंतों की पूजा करना श्रद्धा और आदर की बात है, पर तुम केवल जिंदगी भर पूजा ही मत करते रहना। अरिहंत को आदर्श बनाकर तुम अपनी जीवन-शैली को ऐसा बनाना कि तुम खुद अरिहंत बन सको। लोग मुझसे पूछते हैं कि आप आचार्य कब बनोगे। मैं कहता हूँ इतनी सस्ती सौदेबाज़ी कौन करेगा? अगर बनना ही है तो आचार्य क्या बनना! अगर हम बनेंगे तो अरिहंत बनेंगे। इससे कम में समझौता नहीं करेंगे। - श्री चन्द्रप्रभ COPL/10551 Rs30 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org