SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 172
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ है फिर भी उत्पात होते रहते हैं, आपका राज्य बड़ा है फिर भी शांति है। आखिर इसका कारण क्या है ? राजा ने विनयपूर्वक ज़वाब दिया। इसका कारण यह है कि मैंने चार चौकीदार तैनात कर रखे हैं जो हर पल मेरी रक्षा करते हैं। अगर आप भी ये चौकीदार नियुक्त कर लें तो आपके राज्य में भी खुशहाली हो जाएगी। राजा ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा - मेरा पहला चौकीदार है सत्य जो मुझे असत्य नहीं बोलने देता। दूसरा चौकीदार है प्रेम जो मुझे घृणा और नफ़रत से बचाए रखता है। तीसरा चौकीदार है न्याय जो मुझे किसी भी दृष्टिकोण से अन्याय नहीं करने देता और चौथा चौकीदार है त्याग जो मुझे स्वार्थी होने से बचाता है। वास्तव में सत्य, प्रेम, न्याय और त्याग ऐसे धर्म हैं जो मनुष्य को मानव से भी ऊपर महामानव बनाते हैं। इन चौकीदारों से स्वयं व्यक्ति की रक्षा होती है और समाज का भी कल्याण होता है। स्व और पर दोनों स्तरों पर हमारा कल्याण तभी होगा जब हम अपने विचार और व्यवहार में इन बातों को जिएंगे। अपनी ओर से प्रेमपूर्वक इतना ही अनुरोध है। नमस्कार। १६१ www.jainelibrary.org Jain Education International For Personal & Private Use Only
SR No.003880
Book TitleMahavir Aapki aur Aajki Har Samasya ka Samadhan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandraprabhsagar
PublisherJityasha Foundation
Publication Year2012
Total Pages342
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy