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SOMETIMES
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परिवार का निर्माण जिन चीज़ों से होता है, यह पुस्तक हमारे सामने उन्हीं सब बातों को पेश करती है। श्री चन्द्रप्रभ कहते हैं कि अपने घर का माहौल इस तरह बनाएँ कि आपकी हर सुबह ईद हो, हर दोपहर होली और हर रात दिवाली की हो । पिता के चेहरे में सदा ईश्वर के दर्शन करें और माँ के चरणों में स्वर्ग का आनंद लें। अपने घर को अपना मंदिर समझें और उसका स्वरूप उतना ही पवित्र और ख़ुशनुमा रखें, जितना कि आप परमपिता परमेश्वर के मंदिर को रखना पसंद करते हैं ।
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यह बेहतरीन पुस्तक हमारे घर-परिवार ख़ुशनुमा बनाती है, हमारे रिश्तों को एक नई मिठास देती है, बच्चों का भविष्य सँवारती है, जवानी में सफलता का विश्वास देती है और बुढ़ापे की सार्थकता के दमदार गुर सिखाती है । यह पुस्तक अपने आप में घर के आँगन में खिला हुआ वह कल्पवृक्ष है, जिसकी छाया में आप अपने घर का माहौल स्वर्ग जैसा सुखदायी बना सकते हैं ।
आप सभी के पास पूरे चौबीस घंटे हैं, उनमें से थोड़ा समय सेविंग एकाउंट में डालिए और उसका उपयोग अपने माता-पिता, भाई, बहिन और बीवी-बच्चों के लिए फिक्स कीजिए ।
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