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________________ आगे बढ़ाना है, तो भले ही उनके पास प्रतिभा न हों, पर प्रतिभावान लोगों को अपनी कम्पनी सौंप कर उसके दूरगामी विशाल परिणाम प्राप्त किये जा सकते हैं। बच्चों को चाहिए कि वे बेहतरीन शिक्षा प्राप्त करें, अपनी प्रतिभा को निखारें, कठोर ट्रेनिंग लें। आने वाला कल आपका होगा। मैंने कहा कि आप बेहतरीन शिक्षा लें तो इसका मतलब यह नहीं है कि आप किताबी कीड़े बन जाएँ। बेहतरीन शिक्षा व्यक्ति के विकास का एक चरण है। जीवन के अन्य पहलुओं पर भी गौर करें। अच्छा व्यवहार, अच्छी प्रस्तुति, अच्छी भाषा, विनम्रता, लाइफ मैंनेजमेंट, कर्मठता-क्रियाशीलताप्रेजेन्टेशन, स्वास्थ्य, घर और परिवार के साथ सहभागिता और मिलनसारिता जैसे ढेर सारे वे बिन्दु हैं जो आपके व्यक्तित्व और केरियर को बनाते और प्रभावित करते हैं। सदा हँसमुख रहें। आपकी मुस्कान आपकी पहचान बने और आपकी खिलखिलाहट से घर का वातावरण आनन्ददायक हो जाए। आप अपनी कोर्स की किताबों के अलावा भी दूसरी अच्छी किताबें ज़रूर पढ़ें। आप मेरी किताबें तो पढ़ते ही हैं, दुनिया में और भी अच्छे चितंक लोग हैं, उनके गाइडेंस से भी लाभान्वित हों। स्वेट मार्डन, हेलन केलर, जेम्स ऐलन, ओशो, रविशंकर, आचार्य सुधांशु, आचार्य महाप्रज्ञ, मुनि तरुणसागर, प्रमोद बत्रा, शिवखेड़ा जैसे बहुत से लेखक और प्रवक्ता हैं। आप उन्हें भी पढ़ें। अच्छी किताबों को पढ़ने से ज्ञान के प्रति प्यार पनपता है, मस्तिष्क का विकास होता है। ज्ञान के प्रति लगाव ही युवा मस्तिष्क के आवेश और व्यसनों से बचने की गारंटी है। बगैर क़िताबों की ज़िन्दगी तो बिल्कुल वैसी ही ऊमस भरी होती है, जैसे बिना खिड़की के कोई कमरा। आप शालीन और संस्कारित परिवारों के बच्चे हैं। आपको ऐसा कुछ भी नहीं करना चाहिए जिससे आपके परिवार की ओर अंगुली उठे। आप वही करें, जिससे आपकी और आपके परिवार की मर्यादा बनी रहे। सुबह प्रतिदिन माता-पिता, दादा-दादी को प्रणाम कर उनके आशीर्वाद ज़रूर लें। यह आपके जीवन की बहुत बड़ी पूँजी होगी। कभी किसी से ईर्ष्या न करें, स्वयं पर विश्वास रखें। कोई आगे बढ़ रहा है तो ईर्ष्या की अपेक्षा स्वयं पर भरोसा 50 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003879
Book TitleGhar ko Kaise Swarg Banaye
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandraprabhsagar
PublisherJityasha Foundation
Publication Year2012
Total Pages146
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size13 MB
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