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________________ हैलन केलर ने बताया कि दिन में होने वाली लोगों की चहल-पहल दिन का अहसास करवाती है, वहीं वातावरण की शांति रात का। मुर्गे की कुकडू-कू भोर का, चिड़ियों की चहचहाहट सूर्योदय का, गर्मी की तपन दोपहर का, घर लौटती गायों के रंभाने से सांझ का और हवा में आने वाली शीतलता के अहसास से रात का बोध होता है। अंधा व्यक्ति भी समय की सूचना पा लेता है। ये भांति-भांति के अहसास अपने आप में किसी घड़ी के ही रूप हैं। घड़ी और समय-दोनों एक-दूसरे के सूचक और पूरक हैं। घड़ी समय का अहसास कराती है और समय घड़ी का। हम जब-तब दिन में या रात में हाथ पर लगी घड़ी की ओर नज़र डालते हैं, तो क्या हमें अहसास होता है कि समय बीत रहा है? समय का कितना मूल्य है? काम को कल पर टालते रहने के क्या परिणाम होते हैं? समय चूक जाने के बाद पछताना पड़ता है। समय : सबका सूत्रधार मेरे देखे, समय जीवन का सहचर है। न केवल जीवन का, वरन् जगत् का भी और जगत् की सारी व्यवस्थाओं का भी। सृष्टि के नियमन और संचालन में जितनी भूमिका प्रकृति और ईश्वर की मानी जाती है, समय की भूमिका उससे उन्नीस नहीं है। ईश्वर तो अज्ञात भी है, किंतु समय तो रोजमर्रा के जीवन में होने वाली उठापटक से ज्ञात भी हो जाता है। वक्त किसी को सम्राट बनाते देर नहीं लगाता, तो किसी को अपना गुलाम बनाने में भी वक्त नहीं गंवाता। सारी दुनिया समय का ही खेल है। कोई अमीर है तब भी और कोई गरीब है तब भी, कोई लाभ में है तब भी और कोई हानि में चल रहा है तब भी। सब कुछ समय की ही लीला है। उसकी लीला किसी को लीला-लहर भी कर सकती है और किसी को लील भी सकती है। समय की महिमा तो देखो कि वह किसी अछूत अनचिह्ने व्यक्ति को राष्ट्रपति बना देता है और किसी राष्ट्रपति को फांसी पर चढ़ा देता है। वह किसी के लिए जन्म हो जाता है, तो किसी के लिए मृत्य; किसी के लिए सुख बन जाता है, तो किसी के लिए संत्रास । समय सबकी परछाईं है। समय ही सबके सिर का मुकुट है और समय ही सबके गले पर लटकी तलवार। 45 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003877
Book TitleJiye to Aise Jiye
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandraprabhsagar
PublisherPustak Mahal
Publication Year2012
Total Pages130
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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