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स्वस्थ मन से करें दिन की शुरुआत
योजनाबद्ध तरीके से कार्यों को सम्पादित करने वाला सात दिन के कार्यों को एक दिन में ही निपटा लेगा।
मनुष्य की जितनी सजगता अपनी संतान के विकास के प्रति होती है,
उतनी ही अपने स्वयं के विकास के प्रति भी होनी चाहिए। मनुष्य की यह प्रवृत्ति है कि वह औरों के प्रति अपने को बेहतर देखना चाहता है। ऐसा होना अपने आप में एक शुभ संकेत है। इसका अर्थ यह नहीं कि व्यक्ति स्वयं आत्मविस्मृति के दौर से गुजरे और स्वयं अपनी ही उपेक्षा कर बैठे। और लोगों का जीवन बेहतर हो, यह सजगता मंगलकारी है, किंतु स्वयं के जीवन को बेहतर बनाने का दायित्व स्वयं व्यक्ति पर ही आता है। और लोग सुधरें, औरों का हमारे प्रति सौम्य व्यवहार हो, यह अपेक्षा वांछनीय है, किंतु ध्यान कि रखें कि जैसी अपेक्षा हम औरों से करते हैं। वैसी वे हमसे भी चाहते हैं। औरों से सौम्य व्यवहार की अपेक्षा रखने के लिए स्वयं का तदनुरूप होना अनिवार्य है।
आए आम हवा में बदलाव
हम जरा अपने जीवन पर ध्यान दें, हम इस बात से आश्चर्यचकित हो उठेंगे कि हममें अभी तक वह योग्यता और पात्रता नहीं है कि अन्य लोग हमारे
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