SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 70
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ अपने कर्मचारियों पर व्यर्थ के हो-हल्ला करने की बजाय उन्हें काम करने की सही ट्रेनिंग दें। किसी भी व्यक्ति से ग़लती तभी तक हुआ करती है जब तक वह अशिक्षित रहता है। आपकी मिठास और मुस्कान आपके गुस्से से ज़्यादा प्रभावशाली हैं। आप अपने गुस्से को थूकिए और कुछ ऐसा करने का फ़ैसला कीजिए जिससे आपके कर्मचारियों के दिलों में आपके प्रति प्रेम और सम्मान का जज्बा जग सके। कर्मचारी की प्रशंसा सबके सामने करें, पर फटकार अकेले में लगाएँ। प्रशंसा से कार्य अधिक करने का प्रोत्साहन मिलता है जबकि फटकार से कार्य को सावधानी से करने की नसीहत मिलती है। कर्मचारी को कभी ऐसी फटकार न लगाएँ कि वह आपका दुश्मन बन जाए। अगर उसने आपसे दुश्मनी निकालने की ठान ली तो उसका तो कुछ ख़ास न बिगड़ेगा, पर आपको इतना बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ सकता है कि आप उससे जिंदगी भर भी उबर न पाएँ। - Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003876
Book TitleCharge kare Zindage
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandraprabhsagar
PublisherJityasha Foundation
Publication Year2011
Total Pages106
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy