________________
प्रभु के नाम पर हम हर सुबह-शाम प्रार्थना करें, अपनी कमाई का ढाई प्रतिशत दीन-दुखियों के लिए लगाएँ, महीने में एक दिन व्रत रखें और संभव हो तो वर्ष में एक बार तीर्थयात्रा के लिए अवश्य जाएँ। प्रार्थना करते समय प्रभु को अपने वे पाप और प्रायश्चित के
आँसू अवश्य समर्पित कीजिए, जिन्हें आपने अपने अज्ञान, उत्तेजना और मूर्छा में कर डाले हैं। प्रभु से माँगना है तो माँगिए - 1. अच्छा स्वभाव 2. मेहनत की कमाई 3. परोपकार में खर्च किया जा सके ऐसा धन 4. भाई-भाई में संप और 5 कष्टों को झेलने की ताक़त। हे प्रभु ! इस जगत को सुधारना, पर उसकी शुभ शुरुआत मुझसे करना।
00
Jain Educationa International
For Personal and Private Use Only
www.jainelibrary.org