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________________ सकारात्मक सोचिए : सफलता पाइए सभी कुछ तो यहाँ पर बदल रहा है। कौन-सी चीज हमेशा रही है। हम सुखी थे तो सुख न रहा। हम दुःखी थे तो दुःख भी न रहेगा। मैंने जाना है कि समय परिवर्तनशील है और मुझे हर पल समय का बोध रहता है। मेरे सामने कभी कोई अनुकूल-प्रतिकूल वातावरण बनता भी है तो भी जीवन का यही बोध रहता है कि कल का दिन आज न रहा तो आज का दिन क्या कल रहेगा? नहीं रहेगा। जिस व्यक्ति ने समय पर अपनी आस्था कायम कर ली है, जिसने समय को अपनी इबादत का चरण बना लिया है, उस व्यक्ति के लिए मैं यही कहँगा कि समय उसे जरूर निभाएगा। न जाने शरीर ने हमें कितनी खुशियाँ दी हैं और न जाने कितना हमें रुलाया होगा, पर फिर भी तो निभाया है ना। शुक्रिया अदा करो समय का जो अब भी हमें निभा रहा है। सूरज उगता है तो अस्त भी होता है। फूल खिलता है तो मुरझाता भी है। जहाँ लाभ है, वहाँ हानि भी है। जहाँ जन्म है, वहाँ मृत्यु भी है। मूल्य न उदय का है और न अस्त का। मूल्य न खिलने का है, न मुरझाने का। मूल्य है दोनों के बीच मिलने वाले समय के उपयोग करने का। जन्म देना समय का काम है और मृत्यु देना भी समय का परिणाम है, लेकिन दोनों के बीच मिले हुए समय का उपयोग करना मनुष्य की समझदारी और बुद्धिमानी का परिणाम है। जैसे बादल से बरसी पानी की बूंद अगर सर्प के मुँह में गिरती है तो ज़हर बनती है और अगर सीप के मुँह में गिरती है तो मोती बनती है। समय हम लोगों के साथ इसी तरह आता है। हम सीप की तरह जागरूक हों तो जीवन में प्राप्त होने वाले हर समय को मोती का रूप दे डालेंगे। यदि हम ही प्रमत्त हैं, आलसी हैं, कामचोर हैं और निकम्मे बने हुए हैं तो समय का आना साँप के मुंह में पानी का उतरना हुआ जिसका परिणाम ज़हर होता है। समय मूल्यवान है। यह जीवन समय से बनता है। हर व्यक्ति अपने जीवन में नियत समय को लेकर आता है और उतने समय तक जीवित रहता है। हममें से हर किसी का समय तय है। जिसका आयुष्य साठ साल का लिखा हुआ है, हम उसे इकसठ साल का नहीं कर सकते और न ही उसको हम उनसठ का कर Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003875
Book TitleSakaratmak Sochie Safalta Paie
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandraprabhsagar
PublisherJityasha Foundation
Publication Year2012
Total Pages122
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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