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________________ 42 सकारात्मक सोचिए : सफलता पाइए अंतरमन की शांति, समृद्धि और सुकून के लिए स्वयं को मानसिक तनाव से भी बचाएँ। चिंता और हीन-भावना की तरह ही तनाव भी हमारे मन को और जीवन को कतरे-कतरे में बांट देता है। मेरी समझ से चिंता, तनाव और हीन-भावना इन तीन तरह की कमजोरियों पर विजय प्राप्त करना ही सच्ची आत्मविजय है। मौसम के जलते पाँवों को मिली मेघ की छाँव। सूखी शाख सुआ के रंग में फिर से डूब गई। पथ के चेहरे पर दाढ़ी-सी ऊगी दूब नई। नाई-सा दे रहा निमंत्रण पवन हर गली गाँव। दादुर के बच्चों की टोली इंगलिश बाँच रही। मोर पंखिया मुकुट बांधकर सन्ध्या नाच रही। मस्ती भरी नर्मदा जैसी हुई जिन्दगी नाव.../ तनावमुक्त जीवन हो तो प्रेम और आह्लाद का रास्ता खुलता है। यह मैं जो कुछ कह रहा हूँ, यह बिलकुल ऐसा ही है जैसे गर्मी से जलते हुए पाँव को कोई मेघ की छाँव मिली हो। नर्मदा की धारा में कोई नाव मिली हो। यदि हम छोटी-छोटी बातों पर ध्यान न दें, उत्तेजित और उद्विग्न न हों, चिंता की चिंगारी न जलाएँ तो सहज ही मानसिक तनाव से बचा जा सकता है। तनाव निश्चित ही जीवन की बहुत बड़ी बाधा है। पर एक बात यह भी सच है कि मन की ऐसी कौन-सी कमजोरी है जिस पर जीतने का संकल्प और विश्वास हम अपने भीतर Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003875
Book TitleSakaratmak Sochie Safalta Paie
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandraprabhsagar
PublisherJityasha Foundation
Publication Year2012
Total Pages122
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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