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________________ का क्रोध आदमी का सारा भविष्य बिगाड़ सकता है। आदमी आठ प्रहर में जितना भोजन करता है, उसकी सारी ऊर्जा एक बार के क्रोध से नष्ट हो जाती है। जिस तरह कोई आदमी कहता है कि उसने भोग का उपयोग किया, तो ऐसा करने से उसके शरीर का बल क्षीण हुआ, तो गुस्सा करने वाले व्यक्ति का बल भी ठीक उसी क़द्र नष्ट हो जाता है। बस, तरीका बदल जाता है, उत्तेजना तो वहीं-की-वहीं है। एक ही उपाय है कि आदमी सौम्य स्वभाव का स्वामी बने। उसके स्वभाव में हर क्षण सौम्यता हो । स्वभाव में सरलता, कोमलता, मृदुता श्रेष्ठ व्यक्तित्व के चरण हैं। वाणी हो मधुर स्वभाव में सौम्यता लाने वाला दूसरा सूत्र है, वाणी में मधुरता हो, ताकि आदमी औरों के दिलों में सहजता से अपनी जगह बना सके। मधुर वाणी शीतल पानी की तरह होती है, वहीं कटु वाणी गर्म पानी की तरह। पानी गर्म हो, तो हाथ जल जाता है, वाणी गर्म हो, तो हृदय ही झुलस जाता है। अगर आदमी कटुता और चिड़चिड़ेपन के साथ बोलता है, तो कौन आदमी उससे बात करना चाहेगा? मूल्य इस बात का उतना नहीं है कि आप क्या बोलें, बल्कि इसका मूल्य अधिक है कि आप किस तरीके से बोलें, कितनी मिठास के साथ हमने वाणी का उपयोग किया? व्यक्तियों की कुलीनता उस समय पता नहीं कहां चली जाती है, जब वे बात-बेबात गालियों का उपयोग करते हैं। गाली उनके लिए तकिया-कलाम बन जाती है। वे होली के दिनों में भी गालियों का इतना प्रयोग नहीं करते, जितना आम दिनों में। __कहते हैं पहले लोग मिठाई बहुत खाते थे। माना वे मिठाई खाते थे, पर वे वापस मिठास का उपयोग भी करते थे। आपको डायबिटीज क्यों है? इसलिए कि मीठा तो खाते हो, पर वापस मिठास व्यक्त नहीं करते। तुम स्वभाव में मिठास ले आओ, जीवन की हर तरंग में माधुर्य का संचार कर दो, विश्वास रखो, तुम्हारी समस्या हल हो जाएगी। 42 For Personal & Private Use Only Jain Education International www.jainelibrary.org
SR No.003874
Book TitleLakshya Banaye Safalta Paye
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandraprabhsagar
PublisherPustak Mahal
Publication Year2012
Total Pages122
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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