SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 15
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ और कहना कि मैं गुस्सा करना चाहता हूं, इसलिए कोई ऐसा मुहूर्त निकाल दीजिए कि मैं गुस्सा कर पाऊं। अगर किसी से प्रेम करना हो, तो किसी मुहूर्त की ज़रूरत नहीं है। अगर तुम कालसर्पयोग में भी प्रेम कर लोगे, तो वह 'अमृत-सिद्धि' योग हो जाएगा। अगर शुभ कार्य को अशुभ समय में करो, तो भी कल्याण होगा और अशुभ कार्य को शुभ समय में करो, तो भी अकल्याण होगा। शुभ आज करेंगे, अशुभ को कल पर टालेंगे। बिना लक्ष्य का जीवन कैसा हर आदमी अपने आप में निरुद्देश्य जीवन जी रहा है। चारों ओर भागमभाग है। हर आदमी भाग रहा है, सारी दुनिया दौड़ रही है। करोड़पति भी दौड़ रहा है और रोडपति भी। पैसा जिंदगी का रास्ता हो सकता है, लेकिन मंजिल नहीं; साधन हो सकता है, साध्य नहीं। नतीजतन आदमी की जिंदगी धोबी के कुत्ते-सी हो गई है, घर से घाट और घाट से घर के बीच ही जिंदगी गुजर जाती है, वह घर का रहता है, न घाट का। इनसान दस मिनट के लिए बैठे और अपने जीवन के उद्देश्य के बारे में विचार करे। परिवार की एक आधार-स्तंभ नारी भी उद्देश्यहीन जीवन जीती है। सुबह उठते ही मकान में झाडू-पोंछा लगाना, बच्चों को स्कूल के लिए तैयार करना, पति को दुकान भेजना, दिन में खाना बनाना, गेहूं बीनना, शाम को फिर पति की सेवा करना, बस, इसी में सिमट कर रह गया है नारी-जीवन। पुरुष भी उसी तरह माया जाल में उलझा है। व्यक्ति का जीवन निरुद्देश्य-लक्ष्यहीन हो गया है। बगैर लक्ष्य का जीवन तो पशु-तुल्य है। पशु भी हमारी ही तरह पैदा होते हैं, पेट भरते हैं, बच्चे पैदा करते हैं और एक दिन देह छोड़ जाते हैं, फिर हममें और पशु में फर्क क्या रहा? आदमी का जीवन पशु की तरह ही हो गया है। जिस शिक्षा द्वारा पशुता को कम करना होता था, वह भी दिशाहीन हो गई है। शिक्षा मनुष्य को जीने की कला सिखाती है, अंतर्दृष्टि देती है, लेकिन वह शिक्षा रोजी-रोटी कमाने तक ही सीमित हो चुकी है। आज की शिक्षा एम.ए. बना देती है, 14 For Personal & Private Use Only Jain Education International www.jainelibrary.org
SR No.003874
Book TitleLakshya Banaye Safalta Paye
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandraprabhsagar
PublisherPustak Mahal
Publication Year2012
Total Pages122
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy