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अनुभव और दूरदर्शिता
अनभव
दूरदर्शिता
-रोमी ‘उपमाश्री'
शुक्र
वाशाला के सहारे ही आप विधाम पशिलशिकोहीअनुकुल
बलाकर सपाला की सजी उपल्या
व्यक्ति को जीवन में कटु अनुभवों से गुजरने के कारण बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ती है। गलत व्यक्ति से मिलने पर, किसी के दुर्व्यवहार से, अनेक तरह के दबावों और तनावों से, दुखों और विपत्तियों से दो-चार होने पर तथा शारीरिक स्वास्थ्य के प्रति सजग न रहने से जो नुकसान होते हैं, उनकी भरपाई इन्हीं के बीच से हो जाती है और हमारे अनुभव अधिक गहन तथा व्यापक बनते चले जाते हैं। इसी प्रकार दूसरों के अनुभवों से, पुस्तकें पढ़ने से, भाषण व प्रवचन सुनने से हमें कुछ खर्च नहीं करना पड़ता, बल्कि हमारे अनुभव अधिक गहन और व्यापक बन जाते हैं और यही प्रक्रिया हमें दूरदर्शी बनाती है। * अनुभवी व्यक्ति अलग से ही पहचाने जाते हैं। दूरदर्शिता उनके व्यक्तित्व
से झलकती है। वे हमेशा दृष्टांत बन जाया करते हैं तथा जल्दी निराश नहीं होते। उनमें दृढ़ता, साहस और आत्मविश्वास होता है। वे परिस्थितियों का डटकर मुकाबला करते हैं। अनुभव विवेक को समृद्ध करते हैं और दूरदर्शिता सफलता को नए आयाम देती है। दोनों के संयोग से व्यक्ति में पूर्णता आती है। अनुभवों से सीखिए
और अपने को दूरदर्शी बनाइए, फिर देखिए कि आपकी जिंदगी के रास्ते कितनी जल्दी आसान हो जाते हैं। * 'चलते-चलते' के अंतर्गत सभी विचार-बिंदु याद करें, उन पर अमल करें
और अपने आपको क्षमतावान बनाएं। * इसमें दिए गए साक्षात्कार, भेटवार्ताएं और काउंसलिंग अधिक उपयोगी और
प्रेरक हैं। अनेक जांच-टेस्ट भी इसमें हैं, जो अपने आपको जांचने के लिए हैं। अतः अच्छी तरह जांचें और स्वयं में सुधार लाएं।
आकार : 5.5" x 8.5" • पृष्ठ : 128 मूल्य : 60/- • डाकखर्च : 25/
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