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________________ मैं जानता हूं एक ऐसे युवक को जिसने दो कौड़ी के बटन से अपना व्यवसाय करना शुरू किया, लेकिन अपनी कड़ी मेहनत और आत्मविश्वास के चलते वह आज एक अधिसंपन्न व्यक्ति बन चुका है। जिस निरमा सर्फ का आज इतना प्रचार है, मैंने उसी व्यक्ति को हाथ ठेले पर अहमदाबाद की गलियों में सर्फ बेचते हुए देखा है। धीरूभाई अम्बानी से आज हर युवक अपने लिए प्रेरणा लेता है और अपने जीवन की कामयाबियों के लिए उन्हें अपना आदर्श मानता है। महाभारत का वह प्रसंग हम सभी लोग अपने लिए प्रेरणास्पद माने कि जहां अर्जुन गुरुकुल में अर्द्धरात्रि में अपने भाई को ढूंढने के लिए निकलते हैं । अर्जुन को पता होता है कि भीम भुक्खड़ प्रकृति का है, वह भोजन प्रिय है, सो वह सीधे उसे रसोईघर में ढूंढने पहुंच जाता है। अर्जुन यह देखकर आश्चर्य चकित हो जाता है कि जिस घुप्प अंधेरे में हाथ-को-हाथ दिखाई नहीं देता, उस अंधेरे में भीम बड़ी सहजता से भोजन कर रहा है। अर्जुन ने पूछा, 'तुम्हारे हाथ का कौर सीधा मुंह में जाता है या नाक में?' भीम का जवाब होता है, 'सीधा मुंह में।' अर्जुन पूछता है, 'आखिर इसका कारण क्या है कि चूक नहीं होती?' भीम ने कहा, 'रोज खाते-खाते अभ्यास हो गया है। यह सब कुछ निरंतर अभ्यास का ही परिणाम है।' अर्जुन को यह बात लग जाती है- “निरंतर अभ्यास!" तब अर्जुन अंधेरे में ही तीर चलाकर लक्ष्य-संधान करना शुरू कर देता है। अंधेरे की बिसात ही क्या, जो अर्जुन के लक्ष्य-संधान को रोक सके। बस, चाहिए निरंतर अभ्यास, प्रयत्न और पुरुषार्थ। ____ आत्मविश्वास जाग्रत करने के लिए अपने डर और दब्बू पन का त्याग करें। जीवन में डरने जैसी कोई चीज नहीं होती। याद रखें, मौत कभी दो बार नहीं आती, साथ ही यह भी कि वक्त से पहले कभी मौत नहीं आती। ईश्वर पर विश्वास रखें। वह सदा हमारे साथ होता है। जो लोग डंक के डर से मधुमक्खी के छत्ते के पास जाने से कतराते हैं, वे शहद पाने के कभी भी हकदार नहीं होते हैं। अंतिम बात जो कि आत्मविश्वास जगाने का सबसे कामयाब सूत्र है, वह यह कि अपने तन-मन में उत्साह और उमंग का संचार कीजिए। सुबह जैसे ही आपकी आंख खुले, कृपया एक मिनट तक बिस्तर पर 111 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003874
Book TitleLakshya Banaye Safalta Paye
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandraprabhsagar
PublisherPustak Mahal
Publication Year2012
Total Pages122
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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