________________
हो जाएँगे। जीवन भर दुकान, मकान, कोठी पर खर्च करते रहे लेकिन आप अपने स्वास्थ्य की अवहेलना न करें। किसी भी प्रकार के रोग के लक्षण नजर आए तो उसके प्रति सावधानी रखें। उसका तुरंत इलाज कराएं ताकि रोग भयावह रूप धारण न कर सके। आप जो दवाएँ ले रहे हैं उनको निर्देश के अनुसार जारी रखें। कभी शरीर में थकान, टूटन, जकड़न या कमजोरी महसूस हो रही हो तो दूध के साथ हल्दी ले लिया करें। इससे हड्डियां मजबूत होती हैं। कभी आपके पेट में तकलीफ हो जाए या शरीर में कहीं हल्का-फुल्का दर्द उठ जाए तो घरेलू उपचार भी किए जा सकते हैं। आपकी रसोई भी छोटा-सा दवाखाना है। इसमें रखी हुई हल्दी, मैथीदाना, अजवाइन का भी यदा-कदा सेवन करते रहें। ये हैं तो बहुत छोटी चीजें, पर हैं बहुत लाभकारी। ये आपके शरीर पर दवा का काम करते हैं। हम अगर अपने शरीर के प्रति सतर्क रहते हैं तो स्वस्थ व निरोगी जीवन जी सकते हैं। बचें दखलअंदाज़ों से ___ अपना दैनिक कार्यक्रम बनाएँ। घर में अधिक दखलअंदाज़ी न करें। जो जैसा कर रहा है उसे करने दें। घर में रहते हुए अधिक दखलअंदाजी करेंगे तो दो नुकसान होंगे, एक तो परिवार के लोग आपसे टूटेंगे, आपकी बात नहीं सुनेंगे, दूसरा आप मानसिक रूप से अशांत रहेंगे। आपने अनुभव किया होगा कि जब आप घर की बहुओं को लेकर नुक्ताचीनी करते हैं या छोटी-छोटी बातों पर हस्तक्षेप करते हैं, तो परिवार वाले आपकी उपेक्षा करने लगते हैं। हां, अगर कोई बहुत बड़ी घटना हो जाए तो कम-से-कम शब्दों में हिदायत दें। अरे, आपका बेटा तीस साल का हो गया है, उसे उसकी समझ से भी कार्य करने दो। अगर आप बार-बार बोलेंगे तो परिवार के लोग मानसिक रूप से आपसे किनारा कर लेंगे। बहुएँ सोचेंगी ससुर जी दिन भर घर में बैठे रहते हैं, हम अपना मनचाहा कुछ भी नहीं कर सकते। तब आपका घर में रहना भारभूत बन सकता है। इसलिए व्यर्थ की झंझटबाजी मोल न लें, यह आपके मन को अशांत करेगी।
70
Jain Education International
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org